“बिहार दिवस किऐक मनाबथि मिथिलावासी ?”
– राजकुमार झा।
बिहार दिवसके विरोध नहि बल्कि गर्वित छी मुदा मिथिलावासीके मुलभूत प्रश्न छन्हि ताहि संदर्भमे लिखबाक लेल विवश भेलौं – *”बिहार दिवस किऐक मनाबथि मिथिलावासी”*
हमरा लोकनि सभ तरहें समृद्ध रहला उपरांतहुँ किऐक पलायन हेतु विवश भेल छी ?
मिथिलावासीकें मातृभाषामे प्राथमिक स्तर केर माध्यमें शिक्षा प्राप्त करबाक अधिकारसँ वंचित किऐक राखल गेल अछि ?
भारतीय संविधानक आठम् अनुसूचिमे जगह प्राप्त भेलाक उपरांतहुँ मैथिलीके उपेक्षित किऐक राखल गेल अछि । झारखंड सरकार मैथिलीके द्वितीय राजभाषाक रूपमे मान्यता देलक मुदा बिहार सरकार द्वारा निरंतर मैथिली भाषाकें सुनियोजित षडयंत्र केर तहत् राजभाषाक दर्जा किऐक ने देल जा रहल अछि ? जखन कि बिहारक एकमात्र संवैधानिक मान्यता प्राप्त भाषा अछि मैथिली ।
मैथिल चलचित्रके (Cinema) राष्ट्रीय पुरस्कार भेटला उपरान्तहुँ सरकार द्वारा कोनो प्रकारक प्रोत्साहन किऐक ने देल जा रहल अछि ?
संगीतक क्षेत्रमे मिथिलाक अप्रतिम योगदान रहलाक उपरांतहुँ बिहार सरकार द्वारा “संगीत अकादमीक” स्थापना नहि कय अपमानित किऐक कयल जा रहल अछि ?
मिथिला क्षेत्रमे औद्योगिक प्रतिष्ठान, कल कारखाना एवम् उद्योगके समाप्त करेबाक षडयंत्र केनिहार बिहार सरकारके किऐक ने दोषी ठहरायल जाय ?
मिथिला क्षेत्रक प्रतिभाशाली छात्र/छात्रा एवम् युवा वर्गक संग बिहार सरकार द्वारा सौतेलापनक व्यवहार किऐक ?
मिथिला क्षेत्रमे तकनिकी संस्थानक प्रति उदासीन रवैया किऐक ?
विलुप्त होएत मिथिलाक कला, साहित्य, संस्कृति, लिपि आदिक प्रति दीर्धकालीन कार्ययोजनाक ठोसगर प्रयासमे उदासीन रवैया किऐक ?
भगवती जानकीक जन्मस्थली भेलाक उपरांतहुँ मिथिलामे समुचित पर्यटनक व्यवस्था किऐक नहि ?
मिथिलावासीकें खबास वा मजदूर बुझनिहार सरकारक नीतिके षडयंत्र किऐक ने बुुझल जाय ?
आदि – आदि अनेकों जीवंत कारणक संग प्रमाण अछि ।
एतदर्थ, मिथिलावासी किऐक मनाबथि “बिहार दिवस ।” जय श्री हरि ।
