बिहार/नालंदा, संवाददाता । बिहार में सिवान व मुंगेर के बाद अब नालंदा जिले में कोरोना ने भयानक रूप दिखाया है। अभी तक की जानकारी के अनुसार यहां 28 लोगों में कोरोना का संक्रमण हो चुका है। सोमवार को तो एक साथ 17 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद हड़कम्प मच गया। इसके बाद जिले की सीमाएंबिहा सील कर दी गईं हैं। तमाम एहतियाती उपाय किए जा रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि आखिर इस स्थिति के लिए कौन लोग जिम्मेदार हैं?
एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग में बच गया संक्रमित, पटना में नही रोका।
नालंदा जिले में कोरोना के इस फैलाव की कड़ी लॉकडाउन के दौरान 22 मार्च को दुबई से पटना, फिर बिहारशरीफ के खासगंज स्थित अपने घर पहुंचे युवक तक जाती है। सवाल यह है कि लॉकडाउन के दौरान दुबई से लौटा युवक पटना के आलमगंज स्थित अपनी ससुराल कैसे गया? एयरपोर्ट पर एसकी कैसी स्क्रीनिंग हुई? उसे पटना में क्यों नहीं रोका गया?
पटना में ससुराल , फिर बिहारशरीफ में अपने घर गया युवक
गलती की बात करें तो तो उस युवक की भी है। जब वह पटना के आलमगंज मोहल्ला स्थित ससुराल गया तो उसने खुद को वहीं 14 दिनों तक के लिए क्वारनटाईन क्यों नहीं किया? इसके बाद वह बिहारशरीफ के खासगंज स्थित अपने पैतृक घर भी पहुंच गया, जहां उसने कुल 25 लोगों को संक्रमित कर दिया।
एक साथ 17 मरीजों के तिलने से हड़कम्प, सीमाएं सील
बहरहाल, सोमवार को नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ में एक साथ 17 मरीजों के मिलने के बाद प्रशासन विशेष अलर्ट हो गया है। बिहारशरीफ शहर में एंट्री के मार्गों को सील कर दिया है। पूरे जिले की सीमाओं को भी सील कर दिया गया है। लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। पूरे बिहारशरीफ पर ड्रोन के माध्यम से नजर रखी जा रही है। प्रशासन लोगों से घरों में रहने की अपील कर रहा है।
बिहार में अभी तक मिले113 मरीज, 42 स्वस्थ और दो की मौत
विदित हो कि अभी तक बिहार में कुल 113 कोरोना पॉजिटिव केस मिल चुके हैं, जिनमें 42 स्वस्थ भी हो चुके हैं। जबकि, मुंगेर व वैशाली के दो कोरोना पॉजिटिव पाए गए मरीजों की मौत हो चुकी है। सोमवार तक राज्य में कुल 11319 सैंपल की जा की जा चुकी है। इधर बिहार में घर-घर स्क्रीनिंग अभियान के तहत बीते पांच दिनों में दो करोड़ से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। इसका फायदा भी देखने को मिल रहा है।
