सोमू कर्ण।
दरभंगा।
दरभंगा लोकसभा क्षेत्र पूरे बिहार की सबसे हॉट सीट रही है जस लोकसभा चुनाव 2019 में, क्योंकि इस सीट को लेकर दोनों ही पक्षों के पार्टियों के लिए चिंता की विषय बनी रही। बता दूं कि एनडीए के तरफ से 2 बार के सांसद रहें कीर्ति आजाद के बागी होने के बाद एनडीए के लिए काफी मुश्किल का विषय हो गया था कि आखिर दरभंगा सीट बीजेपी की जीती हुई सीट थी, लेकिन उस सीट से जदयू की दिग्गज नेताओं में से एक संजय झा और बीजेपी के वर्तमान विधयाक संजय सरावगी और गोपाल जी ठाकुर भी रेस में आगे चल रहे थें, लेकिन अंततः दरभंगा की सीट एनडीए के तरफ से बीजेपी के खाते में गयी। इधर महागठबंधन की बात करें तो दरभंगा सीट से रेस में हाल में कांग्रेस में शामिल हुए दरभंगा सीट के निवर्तमान सांसद कीर्ति आजाद, राजद के पूर्व सांसद मोहम्मद अली अशरफ फातमी, राजद के हीं दिग्गज नेताओं में से एक अब्दुल बारी सिद्दीकी और वीआईपी के मुकेश साहनी भी आगे थें। लेकिन एनडीए की सीट की घोषणा का बाद तय हुआ कि दरभंगा की सीट बीजेपी को हीं मिलेगी जिसका चेहरा गोपाल जी ठाकुर बने। गोपाल जी ठाकुर के नाम घोषणा के बाद जदयू नेता संजय झा के समर्थकों में थोड़ी सी उदासी दिखी लेकिन फिर सब कुछ ठीक हो गया। एनडीए के बाद लोगों जे बीच एक और कन्फ्यूजन चल रही थी कि आखिर महागठबंधन के तरफ से कांग्रेस के उम्मीदवार कीर्ति आजाद को टिकट मिलेगा क्योंकि कीर्ति आजाद लगातार इस क्षेत्र से 2 बार सांसद रह चुकें है, लेकिन ऐसा घोषणा सुनने को आया कि दरभंगा और मधुबनी की सीट राजद के खातें में जाएगी और कीर्ति आजाद झारखंड से लड़ेंगे।
लेकिन आज जब सीटों की घोषणा हुई तब वर्षों से राजद परिवार की एक सदस्य की तरह रहें मोहम्मद अली अशरफ फातमी को मधुबनी से टिकट देने के बाजय वीआईपी को दे दिया गया तब इस चुनावी माहौल में गर्माहट शुरू हो गयी। क्योंकि अली अशरफ फातमी के अनुसार उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष के द्वारा पूर्व में उन्हें मधुबनी से टिकट देने की बात कही गयी थी, लेकिन जब आज घोषणा हुई तो उनका किसी क्षेत्र से टिकट के लिए नाम का घोषणा नही किया गया। पटना से उदास लौटें अली अशरफ फातमी ने बातों ही बातों में संकेत दिया कि वे दरभंगा से हीं निर्दलीय उम्मीदवार हो सकतें हैं लेकिन उनके तरफ से अभी औपचारिक रूप से फैसला आना बांकी है।
