न्यूज़ ऑफ मिथिला/दरभंगा ।
3 बजे दिन में ही बहादुरपुर पीएचसी को बंद कर गायब थे डॉक्टर,टेक्नीशियन एबं कर्मी
भर्ती काउंटर,ओपीडी,चिकित्सीय कक्ष में पसरा था सन्नाटा,तो साहब से लेकर कर्मियों के कक्ष में लटका रहा था ताला
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बहादुरपुर में शनिवार को दोपहर 3 से 4 बजे तक अघोषित हड़ताल सा नजारा देखने को मिला।पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सहित सभी चिकित्सक,चिकित्सा कर्मी चिकित्सीय कक्ष अथवा अपने कक्ष से गायब मिले।या तो सभी के कक्ष बंद पाये गये या फिर सभी के कक्ष में ताला लटकता देखा गया।पीएचसी में सबसे हैरान कर देने वाली तस्वीर तब देखने को मिला जब पीएचसी के मुख्य द्वार पर बनाये गए पूछताछ काउंटर एवं भर्ती काउंटर खाली मिला। वहां के कर्मी फरार पाए गए।पीएचसी के ओपीडी में ना तो एक भी कर्मी मौजूद थे, और ना ही एक भी डॉक्टर,ओपीडी का दरवाजा तो खुला था,मगर डॉक्टर एवं कर्मी को बैठने वाली सभी कुर्सी खाली देखी गई।टीकाकरण कक्ष भी बंद था एवं उसके द्वार पर ताले लटक रहे थे।पीएचसी की दवा वितरण कक्ष के द्वार पर ताले तो नहीं लटक रहे थे,मगर दरवाजे के हैण्डल बाहर से बंद था।वही युवा क्लिनिक एवं प्रध्यापक पीएसएम विभाग डीएमसी लिखे कक्ष के द्वार पर भी ताले लगे देखा गया।पीएचसी में मनोज कुमार बीसीएम लिखे बोर्ड वाले कक्ष के भी द्वार बंद थे एवं ताले लटक रहे थे। वहीं बगल में स्थित लेखापाल कक्ष के दरवाजे भी बन्द थे एवं वहां भी ताले लटकते देखा गया।प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक दिनेश कुमार आनंद भी अपने कार्यालय से फरार देखे गए। उनके भी दरवाजे पर हरे रंग की ताले लटक रहा था।सबसे हैरानी की बात यह है कि चिकित्सा प्रभारी आरके चौधरी के चैम्बर तो खुली हुई देखी गई, मगर उनके कार्यालय कक्ष में कोई नहीं मौजूद थे।टीवी दवा वितरण कक्ष भी बंद था एवं वहां भी ताले लटक रहे थे,हालांकि इनके सूचना पट्ट पर समय अबधि समाप्त हो चुका था।टीवी कक्ष के बगल में स्थित स्टोर 2 भी बंद था एवं ताला लटक रहा था।पोस्ट ऑपरेटिव बोर्ड रूम खुले थे,मगर सन्नाटा पसरा हुआ था मतलब कोई नहीं था।वही बगल में शल्य कक्ष भी बंद पाए गए।सभी कक्ष देखने के बाद जब 4 बजे भर्ती काउंटर के सामने बैठे कुछ मरीजों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पिछले 1 घंटे से वे लोग यहां बैठे हुए हैं।मगर यहां न तो कोई आ रहा है और नहीं कोई जा ही रहा है।तभी कुछ देर बाद मुख्य द्वार पर स्वास्थ्य प्रबंधक दिनेश कुमार आनंद का वाहर से आगमन होता है।जब उनसे उपरोक्त सभी तत्वों की जानकारी देकर पूछा जाता है कि क्या आज पीएचसी में हड़ताल है,या सभी कर्मी सामूहिक छुट्टी पर हैं तो उन्होंने बताया कि नहीं नहीं कोई भी छुट्टी पर नहीं है,सभी अपने अपने कक्ष में काम कर रहे हैं।हालांकि उन्होंने अपने संबंध में बताया कि वे कुछ देर पहले ही प्रखंड मुख्यालय सरकारी काम से ही गए थे। जब उन्हें कैमरे में खींचे गए पीएचसी के सभी कक्षों का ताला लटक रहे तस्वीर दिखाई गई तो वे तेजी से एक कमरे की तरफ बढ़े,जहां पंखे की हवा में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी नींद खींच रहे थे।उन्होंने प्रभारी को जगाने के बाद अपने कक्ष के तरफ चले गए। पत्रकारों को देखते ही प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी जल्दी जल्दी उठे और कपड़ा पहनते अपने कक्ष की ओर निकल पड़े ।कुछ देर बाद उन्हें पीएचसी के अघोषित बंद और सभी चिकित्सक एबं कर्मियों के बारे में पूछा गया तो वे बंद पड़े सभी कक्षों का निरीक्षण किया।फिर ताला लटकते देख वापस अपने चेंबर में जाकर बैठ गए।कई बार पूछने के बाद भी उन्होंने कुछ भी जवाब देना मुनासिब नहीं समझा। हैरानी की बात यह है कि बहादुरपुर प्रखंड जिला मुख्यालय के सबसे निकटतम प्रखंड है। वहां की लाइफ लाइन माने जाने वाली पीएससी का जब यह हाल रहेगा तो फिर सुदूर देहात का कैसा नजारा होगा।
रिपोर्ट : संजय कुमार
