सुलभ इंटरनेशनल के फाउंडर बिंदेश्वर पाठक सहित चार विद्वानों को मिलेगी मानद उपाधि

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दरभंगा । कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा की अध्यक्षता में आयोजित आज की सिंडिकेट की बैठक में आम सहमति बनी कि रिक्त पदों पर ही खासकर शिक्षकों की नियुक्ति में आरक्षण लाभ दिया जायेगा। कुलपति ने साफ तौर पर कहा कि सरकारी नियमों के मुताविक ही रोस्टर का पालन होगा और इसमें पूरी तरह से एकरूपता भी रहेगी।

KSDS विश्विद्यालय में आयोजित सिंडिकेट की बैठक में उपस्थित सदस्य

वहीं कई सदस्यों ने अनुकम्पा पर बहाली का मुद्दा उठाया, तो हाल के सरकारी पत्रों का हवाला देते हुए कुलपति ने कहा कि अनुशंसित पदों के साढ़े आठ फीसदी पदों पर ही बहाली का निर्देश है। ऐसे में बिना जांच पड़ताल किये बिना नई नियुक्ति नियमानुकूल नही होगी। ऐसे में तय हुआ कि एक कमेटी गठित कर अनुशंसित पदों के अलावा अनुकम्पा पर बहाल कर्मियों की वरीयता भी परख ली जाय। कमेटी यह भी देखेगी कि अनुशंसित पदों की तुलना में अब तक कितने पाल्यों की बहाली हुई है। 20 नवम्बर को आयोजित दीक्षांत समारोह के आयोजन पर भी सिंडीकेट की मुहर लग गयी। इसके अलावा अंगीभूत व सम्बद्ध कालेजों के वैसे 106 शिक्षकों का मामला भी उठा जो न तो कालेज सेवा आयोग से और न ही राज भवन द्वारा गठित कमेटी से ही अनुमोदित व अनुशंसित हैं और उन्हें करीब साथ वर्षों से वेतन भी नहीं मिल रहा है। ऐसे में डॉ. दिलीप कुमार चौधरी ने वरिष्ठ अधिवक्ता से राय लेने की सलाह दी।इस पर सर्वसम्मति से तय हुआ कि श्री चौधरी के ही नेतृत्व में एक कमेटी गठित कर मामले से उपमुख्यमंत्री को भी अवगत कराया जाय। इस कमेटी में डॉ. चौधरी के अलावा डॉ. कन्हैया चौधरी, डॉ. ब्रह्मानन्द चतुवेर्दी, रूदल राय व शकुंतला गुप्ता नामित किये गए। इसी बीच डॉ कन्हैया चौधरी ने लहटा स्थित संस्कृत कालेज के दो शिक्षकों के वेतन भुगतान का मामला उठाया तथा विश्वविद्यालय में गृह विज्ञान के शिक्षकों की बहाली पर भी जोर दिया। इस पर सभी मेनी सदस्य की सहमति रही। डॉ. विनय कुमार चौधरी द्वारा उठाये मुद्दे पर सामूहिक निर्णय हुआ कि दर्शन संस्कृत उपशास्त्री कॉलेज मनियारी के लिए विजय कुमार शर्मा के दाता सदस्य के आवेदन को खारिज किया जाय तथा जानकी संस्कृत उपशास्त्री कालेज नरकटियागंज के दाता सदस्य के मामले को फिलहाल टाल दिया जाय। छत्रधारी संस्कृत कालेज हथुआ गोपालगंज के शिक्षक नागेंद्र कुमार पांडे को मिले अनुमोदन पर समीक्षा कर अगली बैठक में मामले को लाने पर सहमति बनी। सिंडिकेट की अगली बैठक अब 10 दिसम्बर को होगी। वहीं विद्वत परिषद की प्रतिनिधि सदस्यों द्वारा नामित संस्कृत के चार विद्वानों पूर्व कुलपति डॉ. मुनेश्वर झा, वणारस के डॉ. कृष्णचन्द्र द्विवेदी, पूरी के डॉ. हरिहर झा तथा सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डॉ विंदेश्वर पाठक को दीक्षांत समारोह के दौरान मानद उपाधि देने पर भी सभी सदस्यों ने मुहर लगा दी। बैठक में कुलपति के अलावा प्रतिकुलपति प्रो. चन्द्रेश्वर प्रसाद सिंह, डॉ. विनय कुमार चौधरी, डॉ. दिलीप कुमार चौधरी, प्रो. शिवाकांत झा, प्रो. सुरेश्वर झा, प्रो. श्रीपति त्रिपाठी, प्रो. शशिनाथ झा, शकुंतला गुप्ता, डॉ. दिनेश झा, डॉ. कन्हैया चौधरी, डॉ. सिताचरण झा, डॉ. पुरेन्द्र वारिक, डॉ. ब्रह्मानन्द चतुर्वेदी, एफए मंतोष कुमार मालाकार एवं कुलसचिव नवीन कुमार शामिल थे।

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