न्यूज़ ऑफ मिथिला डेस्क । हम सभ सात करोड़ मैथिलीभाषी हेबाक जतेक दाबी क’ ली । वृहद विष्णु पुराणसँ ल’ क’ जार्ज ग्रियर्सन धरिक जतेक प्रमाण प्रस्तुत क’ ली, मुदा जमीनी हकीकत कहैत अछि जे मैथिली भाषा निरन्तर अस्तित्व संकट दिसि अग्रसर अछि आ मिथिलाक क्षेत्र निरन्तर छोट होइत जा रहल अछि । एकर आरोपी निरन्तर मिथिलाक ब्राह्मण आ कर्ण कायस्थ वर्ग पर लगत रहल अछि, भारतीय मिथिलाक संदर्भमे कमोबेस एहि तथ्यमे सच्चाई सेहो बुझाइत अछि । आउ किछु विन्दुवार गप्प करी..
प्रथम विषवमनक काज भेल दरभंगा महाराज द्वारा गठित मैथिल महासभासँ जाहि संस्थामे गैरब्राह्मणक प्रवेश निषेद्ध राखल गेल, जकर परिणामस्वरूप कालान्तरमे लोक मैथिल मने मात्र ब्राह्मण बुझय सोचय लगलाह आ आइ स्थिति विकराल रूप धारण क’ लेलक अछि।
साहित्य अकादमी मे मैथिलीक प्रवेश संग मैथिलीक प्रति की सभ भेल से अकानल जाय। प्रवेशक बाद आइ धरि संयोजकक पद दरभंगा मधुबनीक एक वर्ग धरि मात्र सिमटल रहल। अकादमी द्वारा सम्बद्ध संस्था एहि दुनू जिला आ जिलाक लोकक जेबीमे मैथिलीकेँ फकसियारी कटबैत रहल, चाहे सम्बद्ध संस्था दरभंगाममे ही कि पटना, कोलकाता, इलाहाबाद मे। पुरस्कार, सेमिनार आ अन्य योजनाक नाम पर मैथिली दम (दरभंगा मधुबनी) तोड़ैत रहलीह आ आब त’ सहजे संयोजक रसायन विषयक सूत्रमे मैथिली साहित्यकेँ तकबामे तल्लीन अछि । साहित्य अकादमीक मठाधीश लोकनि जँ सीतामढ़ीक रामलोचन शरण, कुलानन्द मिश्र, बलदेव लाल कुलकिंकर आदिक अवदानकेँ अकाननय रहितैक त’ आइ मैथिली (सीता)क जन्मथली पर बज्जिकाक बयार नहि उठल रहितय, किए आरम्भ भेल दरभंगाक रेडियोसँ बज्जिकाक कार्यक्रम ???? रेणुक मैला आँचल आंचलिक हिन्दी रूपमे सौंसे स्वीकार्य होइत कालजयी भेल, मुदा मिथिलाक साहित्यिक मठाधीश लैकनिकेँ रामदूव भावुक, सुभाषचंद्र यादव, रहमान मियाँ, जगदीशचन्द्र झा आदिक मैथिलीमे संस्कृतनिष्ठ मानकता चाही… परिणाम सोझाँ अछि अंगिका अकादमी, अंगिका विभाग…..
बेगूसराय, समस्तीपुरक मैथिल दछिनाहा, सहरसा सुपौलक कोसिकन्हा, पुर्णिया कटिहार वला पूब्बा डूब्बा आ असली मेथिल पंचकोसी वला….. सिकुड़ैत रहल मिथिला मठाधीश सभक मुट्ठीमे…… समारोह, महोत्सव, सम्मेलनक पाग दोपटाक अदला बदली, तथाकथित मिथिला विभूति, मिथिलारत्न, मिथिलापुत्रक मोमेन्टोमे काँटी ठोकाइत रहल मैथिली पर आ हमरा चाही मिथिला राज्य ??????
सौराठ सभा बचाउ किए त’ मधुबनीक पंचकोसी छी… मुदा सीतामढ़ीक ससौला सभा जाय निक्खत्तरमे…. एखनहुँ ससौलामे सभा लगाया त अछि।
राष्ट्रीय, अन्तरराष्ट्रीय, ब्रह्मांड संघ बनाबू आ झाझा एक्सप्रेस पर चढ़ा दिऔ, भेक्यूम करैत रहू …..
पंद्रह, सोलह, अठारह,पच्चीस जिलाक दावा करैत रहू, राज लिअ, काज लिअ, मुदा अप्पन मंच पर खगड़िया , सीतामढ़ी, शिवहरकेँ ताकू, अपन ब्रह्मांड मिथिला संस्थामे कटिहार , अररिया, हाजीपुर, किशनगंज ताकू…तखन बाजब सात करोड़ मिथिला राज.
मुदा चिन्ता जुनि करू मित्र लोकनि मिथिला हमरो थिक, हमरो..।
साभार – किसलय कृष्ण ( लेखक के निजी विचार हैं )
