दरभंगा : सारस्वत निकेतम की ओर से रविवार को आयोजित अंतरराष्ट्रीय वेबिनार सीरीज-2 में शिक्षाविद प्रो. जयशंकर झा ने हिस्सा लिया। ज्ञात हो कि इस समागम की अध्यक्षता संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजा राम शुक्ला ने किया। इस वेबिनार सीरीज में प्रो. जयशंकर झा के साथ देश के लब्ध प्रतिष्ठित विद्वानों में प्रो. शशिनाथ झा, प्रो. ब्रजभूषण ओझा, डॉ सुनील केएस, डॉ. पंकज मिश्रा एवं कैनेडा से वनीसा एकोवेडो और लंदन से मनु एटो केरा लिया। सभी विद्वानों के लिए अलग-अलग विषय निर्धारित हैं। प्रो. झा पौराणिक साहित्य की प्रासंगिकता पर अपना विचार प्रकट रखा। प्रो. झा ने शुरू में अन्याय के विरुद्ध विष्णु के परशुराम अवतार को इनके प्राकट्य दिवस पर स्मरण किया। उन्होंने “पौराणिक साहित्य की प्रासंगिकता विषय पर अंग्रेजी माध्यम से प्रकाश डाला। चार लाख श्लोकों में रचित प्रामाणिक पुराण साहित्य को प्रो. झा ने सनातन संस्कृति एवं जीवन मूल्य का विश्वकोश बताया। इसमें भी श्रीमद भागवत को प्रतिनिधि पुराण मानते हुए पुराणों की प्रासंगिकता के प्रत्येक पहलू पर चर्चा की। प्रो. झा ने सारस्वत निकेतम को आभार जताते हुए कहा कि समागम संस्कृत की उन्नति में मील का पत्थर साबित होगा। जानकारी संस्था के मीडिया प्रभारी डॉ. रामसेवक झा ने दी।
