दरभंगा, न्यूज़ ऑफ मिथिला । सांसद गोपालजी ठाकुर ने शुक्रवार को संसद में दरभंगा सहित मिथिला क्षेत्र में बाढ़ की वर्तमान बाढ़ की जानकारी दी। कहा कि वे जिस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, वह बिहार के मिथिला का केंद्र है। यहां क्षेत्र कोसी, कमला, जीवछ, बागमती, बलान, अधवारा समूह एवं करेह आदि नदियों का प्रवाह होता है। इन दिनों नदियां उफान पर हैं। कमला नदी के पश्चिमी तटबंध के तारडीह, मनीगाछी, घनश्यामपुर, गौड़ाबौराम, अलीनगर, किरतपुर, बेनीपुर, दरभंगा ग्रामीण, कुशेश्वरस्थान पूर्वी एवं पश्चिमी प्रखंडों में बाढ़ की विभीषिका जारी है। क्षेत्र की लाखों की आबादी विस्थापित हो चुकी है। फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। लोग बांधों पर रात गुजारने को मजबूर हैं। कहा कि केंद्र व राज्य सरकार गंभीर है तथा जिला प्रशासन राहत कार्य में जुटा हुआ है। बाढ़ इस क्षेत्र के लिए स्थायी समस्या बनी हुई है, इसके कारण प्रतिवर्ष लाखों लोगों को तबाही झेलनी पड़ती है। यह क्षेत्र कृषि आधारित है। बाढ़ और सुखाड़ के कारण प्रत्येक वर्ष यहां फसलों की क्षति होती है। उत्तर बिहार के करोड़ों लोगों को पलायन करना पड़ता है। बाढ़ की समस्या के स्थाई निदान के लिए पूर्व की सरकारों ने विशेष रूप से कोई ध्यान नहीं दिया सन 1953-54 में बाढ़ से उत्तर बिहार को निजात दिलाने के लिए कोसी नदी पर डैम और कोसी परियोजना की शुरुआत की गई थी, लेकिन 66 साल बीत जाने के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है। सांसद ने अटल बिहारी वाजपेयी की दूर दृष्टि को याद करते हुए कहा कि अटल जी के नदी जोड़ो परियोजना का कार्यान्वयन इस क्षेत्र के लिए अत्यंत लाभदायी होगा। नदियों की उड़ाही कर इस क्षेत्र को बाढ़ जैसी आपदा से बचाया जा सकता है। मिथिला क्षेत्र के लोगों को पीएम से काफी आशा है। सदन के माध्यम से सरकार से मांग की कि एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीम भेजकर लोगों के जानमाल का सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने समय रहते मौजूदा बाढ़ की स्थिति और इससे निपटने के लिए केंद्रीय मंत्रालयों, एजेंसियों तथा राज्यों की तैयारियां की समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया।
