पटना । आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी पर जोरदार निशाना साधा है। शिवानंद तिवारी ने कहा कि लगता है सुशील मोदी ने प्रज्ञा ठाकुर के स्कूल में दाख़िला ले लिया है. वहीं उन्हें पढ़ाया गया है कि बाबासाहब अंबेडकर कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के विरोध में थे. बाबासाहेब का समग्र लेखन, भाषण, साक्ष्ताकार, चिट्ठी-पत्री आदि को महाराष्ट्र की सरकार ने 17 खंडो में छापा है. उनमें कहीं भी अनुच्छेद 370 का विरोध नहीं है.
बाबासाहब जनमत संग्रह के ज़रिए कश्मीर की समस्या के शीघ्र समाधान के पैरोकार ज़रूर थे. बल्कि मुस्लिम बहुल इलाक़ा पाकिस्तान में चला जाए इसके वे पक्षधर थे. उनका तर्क था कि दोनों देशों के बीच तनाव की वजह से फ़ौजी ख़र्च बढ़ रहा है. दोनों देशों के बीच युद्ध का भी ख़तरा है. उस समय देश के पास संसाधनों का गंभीर संकट था. बाबा साहेब चाहते थे कि जो सीमित संसाधन हमारे पास हैं उनका इस्तेमाल विकास के कामों में हो.
सरदार पटेल को लेकर भी सुशील मोदी की बिरादरी हल्ला मचाती है. यह अफ़वाह फैलाया जाता है कि सरदार पटेल अनुच्छेद 370 के विरोधी थे और जवाहर-लाल नेहरू की वजह से ही यह अनुच्छेद संविधान में शामिल हुआ था. इससे बड़ा झूठ दूसरा कुछ नहीं हो सकता है. तथ्य यह है कि 15 और 16 मई, 1949 को इस सिलसिले की पहली बैठक सरदार पटेल के ही घर पर हुई थी. उस बैठक में सरदार पटेल के अलावा नेहरू जी, शेख़ अब्दुल्लाह और कश्मीर मामलों के मंत्री श्री आयंगर भी मौजूद थे. इसी बैठक में अनुच्छेद 370 पर सहमति बनी थी.
महत्वपूर्ण बात तो यह है कि नेहरूजी की गैरहाजिरी में सरदार पटेल के ही नेतृत्व में संविधान सभा से अनुच्छेद 370 पारित हुआ था. अनुच्छेद 370 ही वह पुल था जिसके ज़रिए कश्मीर हमारे साथ जुड़ा था. सबका साथ और सबको विश्वास में लेकर सरकार चलाने का दावा करने वाली मोदी सरकार द्वारा कश्मीर को जेलखाना में तब्दील कर 370 को हटाया गया है. वहाँ की ख़बरें बाहर नहीं आ रही हैं. कश्मीर को लेकर देश में झूठ फैलाया जा रहा है. सुशील मोदी जैसों के झूठ का जवाब देने में राजद सक्षम है.
