न्यूज़ ऑफ मिथिला डेस्क: कोरोना के संक्रमण को देखते हुए देश में 2 चरणों में 40 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया जो 3 मई को खत्म हो रहा था. लेकिन इसके खत्म होने से 2 दिन पहले ही गृह मंत्रालय ने 2 और हफ्ते यानी 17 मई तक लॉकडाउन को बढ़ाने का ऐलान कर दिया है.
लॉकडाउन के चलते बिहार के लाखों लोग देश के दूसरे राज्यों में फंसे हैं। इनमें अधिकांश प्रवासी मजदूर और छात्र-छात्राएं शामिल हैं। केंद्र सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद अब फंसे लोगों को उनके राज्य तक पहुंचाने का काम भी शुरू हो गया है। इस बीच रोजी-रोटी कमाने के उद्देश्य से अपने घर से बाहर दूसरे राज्यों में फंसे कामदार अपने जनप्रतिनिधियों से मदद की गुहार लगा रहे हैं। कई जनप्रतिनिधि इनकी मदद भी कर रहे हैं। इस बीच बिहार के सुपौल से जेडीयू सांसद दिलेश्वर कामैत का एक ऑडियो क्लिप वायरल हो रहा है, जिसमें वह मदद मांग रहे व्यक्ति को फोन पर झिड़की लगाते हुए सुने जा सकते हैं। इतना ही नहीं सहायता मांग रहे आबिद खान नाम के शख्स को खरी-खोटी सुनाते हुए दिलेश्वर कामत कहते हैं कि वह मुसलमान के वोट से सांसद नहीं बने हैं।
क्या है मामला:
बता दें कि वायरल हो रहे ऑडियो क्लिप में आबिद खान नामक एक व्यक्ति ने फोन कर अपने क्षेत्र के सांसद से गुहार लगाते हुए कहते हैं कि वह जयपुर में फंसे हैं और घर आना चाहते हैं। उनके पास पैसे नहीं हैं और पेट भरना भी मुहाल हो गया है। आबिद खान शिकायत करते हुए कहते हैं कि सांसद महोदय के द्वारा उनका फोन बार-बार काट दिया जा रहा है। आबिद खान कहते हैं कि मुझे बिहार सरकार द्वारा दिए जा रहे हजार रुपये भी नहीं मिले हैं। इस पर जदयू सांसद दिलेश्वर कामैत अपनी असमर्थता जाहिर करते हुए कहते हैं कि मैं कुछ नहीं कर सकता। मैंने 1 करोड़ 1 लाख रुपया सरकार को दे दिया है। अब जो भी करना है, सरकार करेगी। मैं कुछ नहीं कर सकता। आप सरकार से मदद मांगिये।
‘मुस्लिमों के वोट से सांसद नहीं बना’:
सांसद की ये बात सुनकर आबिद खान कहते हैं कि आपको वोट दिया था और अब आप संकट की घड़ी में अपना मुंह फेर रहे हैं। आगे से आप वोट लेने आइएगा। सांसद जी इस बात पर भड़क जाते हैं और कहते हैं कि आपने मुझे वोट नहीं दिया। मैं मुस्लिमों के वोट से सांसद नहीं बना हूँ। मुझे आपका वोट नहीं चाहिए।
सांसद ने दी सफाई- गुस्से में कही ये बात
हालाँकि, बाद में सफाई देते हुए जदयू सांसद दिलेश्वर कामैत ने कहा कि मैंने गुस्से में ये बात कह दी। मैंने सभी मुस्लिमों को नहीं बल्कि निजी तौर पर उस व्यक्ति को कहा था। वह व्यक्ति 3 दिनों से फोन पर मुझसे अभद्र भाषा में बातें कर रहा था और लगातार भड़काने की कोशिश कर रहा था। आवेश में मेरे मुंह से यह बात निकल गई, जिसके लिए मैं शर्मिंदा हूँ। उन्होंने आगे कहा कि मुझे मुसलमानों ने भी वोट दिया था और मेरे उनके साथ अच्छे संबंध हैं। मैंने अपने क्षेत्र के लोगों को रमजान की बधाई भी दी है।
न्यूज़ सोर्स – हिंदी न्यूसड.इन
