दरभंगा। प्राथमिक विद्यालयों में मैथिली शिक्षक बहाल करने की मांग को लेकर मिथिला विकास संगठन के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को लहेरियासराय पोलो मैदान में एक दिवसीय धरना दिया। धरना सभा की अध्यक्षता मैथिल त्रिपुरारी ने की। वक्ताओं ने कहा कि मैथिली भाषा उपेक्षा का शिकार बनी हुई है। भारत की 22 भाषाओं में सबसे मधुरतम भाषा मैथिली है। यूपीएससी एवं बीपीएससी में मैथिली को दर्जा दे दिया गया। लेकिन प्राथमिक स्तर पर इसकी पढ़ाई नहीं हो रही है।
यदि सरकार मैथिली मास्टर की बहाली करती हैं तो लाखों युवाओं को रोजगार सृजन होगा। लाखों युवा हर साल मिथिला से पलायन करते हैं वह पलायन रुकेगा। हमारा मूल उद्देश्य मिथिला में विकास लाना है जो कि मातृभाषा मैथिली के विकास बिना संभव नहीं है। प्राथमिक विद्यालय में मैथिली शिक्षक की नियुक्ति हो। किसान कॉल सेंटर, न्यायालय में अनुवादक की बहाली की जाए। कई बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मिथिला की धरती पर आकर हर बार आश्वासन दिया है कि बिना मिथिला के विकास बगैर बिहार का विकास संभव नहीं हो सकता है।
इन मांगों पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो विवश होकर हम लोग इस आंदोलन को उग्र रूप दे सकते हैं। धरनार्थियों में फूल बाबू मंडल, विकास फूल, रमेश झा, ब्रजेश कुमार, विपुल कुमार, अमित, सुरेश, शैलेंद्र आदि शामिल थे।
