दरभंगा, 31 मार्च।
मिथिला लोक संस्कृति मंच के तत्वावधान में मिथिला महोत्सव २०१९ के दुसरे दिन आज दिनांक 31.03.2019 को जल प्रबंधन विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी की अध्यक्षता मेमोरियल कालेज के यशस्वी प्राचार्य विद्यानाथ झा ने किया । संयोजक चैधरी हेमचन्द्र राय ने विषय परिवर्तन करते हुए कहा कि जलसमस्या अब अपनी गहरी उपस्थिति दर्ज कर रही है । मिथिला मे जलसमस्या राजस्थान की तरह फैल रही है । महासचिव उदयशंकर मिश्र ने कहा कि वृक्ष के कटने से कुआं आदि के सुखने से जल समस्या गहरा गई है । रत्नेश्वर झा ने नदियों को जोड़ने बांस लगाने तथा बालु के सही उपयोग पर जोड़ दिया । साथ ही सरकारी स्तर पर कुछ सार्थक प्रयास करने पर जोड़ दिया । टुनटुन झा अचल ने जल के सही उपयोग व जनसंख्या नियंत्रण पर जोड़ दिया । जल के एक बुंद एक बुंद पर ध्यान देने तथा नदीयों की उराही पर जोड़ दिया । हृदयनारायण झा ने जल आंदोलन पर जोड़ दिया और आज के परिपेक्ष्य मे इसकी आवश्यकता पर जोड़ दिया । उषा चैधरी ने जल समस्या को पांच बिंदुओं मे रखकर इसके संरक्षण पर जोड़ दिया ।
अध्यक्षीय उद्बोधन मे विद्यानाथ झा ने कहा कि तटबन्ध व रेल लाईन के कारण जल की गति अवरुद्ध हो रही हैं। जल की धारा को स्वाभाविक गति मे रहने देने पर जोड़ दिया ताकि जल की शुद्धता की गति अवरूद्ध न हो। चंद्रशेखर झा बुढ़ा भाई ने जल की समस्या व समाधान पर विचार रखते हुए इसकी आवश्यकता पर बल दिया । आज की गोष्ठी मे दरभंगा शहर के कतीपय बुद्धिजीवी उपस्थित थे । चन्द्रेश जी, उदयशंकर मिश्र, राघव रमण, उषा चैधरी, प्रदीप झा, उज्ज्वल झा टुनटुन झा, विद्यानाथ झा, स्वर्णिम किरण प्रेरणा, सुनीता झा, सुमित गुंजन सहित अनेक लोग उपस्थित थे । गोष्ठी का संचालन संयोजक चैधरी हेमचन्द्र राय व धन्रवाद ज्ञापन बुढाभाई ने किया ।
