– विद्यापति की व्यापकता असीमित : कमलाकांत झा
– विद्यापति संगीत की प्रस्तुति पर विभोर हुए श्रोता
दरभंगा/दिल्ली, न्यूज़ ऑफ मिथिला डेस्क : सांसद गोपालजी ठाकुर ने कहा है कि मिथिला के विकास के लिए एक गंभीर मंथन की आवश्यकता है। साथ ही विद्यापति के समग्र साहित्य का अध्ययन और संरक्षण किया जाना चाहिए। साथ ही विद्यापति की आदमकद प्रतिमा लगाने की दिशा में पहल की जाएगी। वे शुक्रवार.की रात दिल्ली स्थित शांति प्रतिष्ठान के सभागार मे आयोजित नहि बिसरब विद्यापति कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि विद्यापति की संस्कृत रचनाओं पर शोध किया जाना चाहिए। श्री ठाकुर ने विद्यापति को विराट व्यक्तित्व का धनी बताते हुए दोहराया कि मिथिला की संस्कृति, साहित्य एवं विशेषता के संरक्षण और संवर्धन के लिए संकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि दरभंगा के विद्यापति हवाई अड्डा से उड़ान सेवा, दरभंगा में एम्स के लिए भारत सरकार से लगातार संपर्क में हैं और शीघ्र ही कार्य संपन्न होगा। सांसद ने मिथिला में पर्यटन की संभावना को देखते हुए विकसित करने, बाढ़ और सुखाड़ से निपटने के लिए नदियों को जोड़ने एवं उड़ाही पर ध्यान देने की आवश्यकता है। मिथिला के दो शक्तिपीठ उच्चैठ से महिषी तक सीधे सड़क मार्ग के लिए प्रयास किया जा रहा है। अध्यक्षता एवं संचालन करते हुए चर्चित उदघोषक श्री कमलाकांत झा ने कहा कि विद्यापति की व्यापकता असीमित है। वे मिथिला ही नहीं समग्र भारत में अर्चित हैं। उन्होंने कहा कि विद्यापति संगीत को रवीन्द्र संगीत की तरह स्थापित किया जाना चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार ब्रह्मेन्द्र झा ने कहा कि विद्यापति समाज के पथ प्रदर्शक थे। उनके संस्कृत साहित्य का विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया जाना समय की मांग है। चर्चित मैथिली लोकगायिका सोनी चौधरी ने विद्यापति संगीत की प्रस्तुति की तो श्रोता विभोर होते रहे। अभियंता सह साहित्यकार मणिकांत झा ने काव्य पाठ के माध्यम से कविकोकिल को याद किया। धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ पत्रकार प्रसून लतांत ने किया। विचार सहचर की ओर से आयोजित कार्यक्रम में प्रेमचंद्र झा, ललन कुमार चौधरी, निशांत झा, दिलीप झा समेत कई लोग सक्रिय थे। मौके पर अखिल भारतीय मिथिला संघ के महासचिव विद्यानंद ठाकुर, भाजयुमो के राष्ट्रीय मंत्री सागर मिश्र, मैथिली लेखक संघ के विनोद कुमार झा, डा. अशोक कुमार ज्योति, प्रो. अमरेन्द्र झा समेत भारी संख्या में लोग मौजूद थे।
