दिल्ली,संवाददाता । बिहार के मधुबनी जिले के मंगरौनी गांव निवासी स्व. सुरेश झा व स्व. कमल देवी की पुत्री श्वेता झा आज किसी परिचय की मोहताज नहीं। श्वेता ने कला के क्षेत्र में विश्व स्तर पर अपनी प्रतिभा व काबिलियत का लोहा मनवाया है। भारत ही नहीं बल्कि अमेरिका, स्पेन, इटली, दक्षिण कोरिया, जापान, रूस, इराक सहित कई अन्य देशों के द्वारा भी इन्हें कला के क्षेत्र में पुरस्कृत किया जा चुका है। इनकी बनाई पेंटिंग पारंपरिक चित्रकला शैली में आधुनिकता का संगम है। श्वेता की बनाई पेंटिंग ने मिथिला चित्रकला को विश्व पटल पर एक नई ऊंचाई प्रदान की है।
एक दिसंबर 2018 को श्वेता झा को क्राफ्ट वुमेन ऑफ द ईयर के अवार्ड से नई दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा। इस मौके पर मुख्य अतिथि सांसद मेनका गांधी भी मौजूद रहेंगी। क्राफ्ट विलेज संस्था हर वर्ष कला के क्षेत्र में विश्व में अपना परचम लहराने वाले कलाकारों को सम्मानित करती रही है।
वर्तमान में श्वेता झा सिंगापुर में तितली फाउंडेशन की संस्थापक व निदेशिका हैं। जहां वह मधुबनी कला को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने का काम कर रही हैं। श्वेता झा का कहना है बचपन से ही उन्हें प्रकृति के अलग अलग रंगों, मौसम आदि से प्रेम था,यह सब चीज उन्हें बहुत आकर्षित करती थी। श्वेता ने बताया कि इन प्रकृति के रंगों को कला के माध्यम से प्रदर्शित करने से मुझे शांति व सुकून का एहसास होता है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने पति दीपक झा को दिया।
