दिल्ली : मानवता का मिशाल पेश कर रहे हैं ये मैथिल युवा, 250 लोगों को दिन-रात खिला रहे खाना।

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न्यूज़ ऑफ मिथिला डेस्क दिल्ली : कोरोना के बढ़ते प्रभाव के कारण 24 मार्च से 3 मई तक के लिए पूरे भारत मे लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है। इस लॉकडाउन के कारण गरीबों व अधिकांश दैनिक मजदूरों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न होने लगी। फिर कई लोग व्यक्तिगत रूप एवं कई संस्थायें जरूरतमंदों की मदद करने के लिए सामने आए।

भूखे को अन्न, प्यासे को पानी पिलाएं। तप रहा हो धूप में जो कोई तो शीतलता बरसाएं। बेघर के सिर की छत और बेसहारा का सहारा बन जाएं। बेजुबानों का दर्द भी समझें। अपने अंदर छिपे मसीहा को जगाएं । इंसानियत का धर्म निभाएं। कोरोना वायरस से जंग की इस विकट घड़ी में मिल-जुलकर चलो जिंदगी बचाएं… ।

इन्हीं पंक्तियों को चरितार्थ कर रहे हैं एक ऐसे मैथिल युवा जो पिछले 23 दिनों से गरीब वंचित मजदूरों को दिन रात भोजन कराने में जुटे हुए हैं। जी हाँ मैं बात कर रहा हूँ कमलेश मिश्रा की जो दिल्ली के नवादा एक्सटेंशन में पिछले 23 दिनों से अपने टीम एवं सगे संबंधियों के साथ दिन रात गरीबों मजदूरों को भोजन कराने में लगे हुए हैं। श्री मिश्रा की इस प्रयास की चहुँओर तारीफ़ हो रही है।

बता दें कि श्री मिश्रा एमएसयू के संस्थापक सदस्य सह पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। श्री मिश्रा ने 27 मार्च से नवादा एक्सटेंशन, उत्तम नगर ,जनकपुरी में जरूरतमंदों के बीच फ़ूड पैकेट वितरण करवाना शुरू किया। इनकी टीम प्रतिदिन अपने घरों से 200 से 250 लोगों के लिए भोजन बनाकर उक्त स्थान पर उपस्थित हो जाते हैं। यह क्रम 27 मार्च से अनवरत जारी है। श्री मिश्रा ने न्यूज़ ऑफ मिथिला के संपादक निशांत झा से बातचीत करते हुए कहा कि आज मानवता का तेइसवां दिन है। मेरा एक ही प्रण है कि मेरे निवास से 10 किलोमीटर तक की दूरी तक किसी भी गरीब असहाय को भूखा नहीं रहने देना है। जब तक संभव हो सके हमलोग जरूरतमंदों के लिए भोजन उपलब्ध करवाते रहेंगे। उन्होनें कहा कि हमारी टीम लोगों को भोजन वितरण करने के साथ-साथ उनको जागरूक भी कर रही है। खास बात यह है कि भोजन वितरण के समय सोशल डिस्टनसिंग और साफ-सफाई का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाता है। उन्होंने सेवा भावना से जुड़े लोगों को इस वैश्विक कोरोना रूपी महामारी में आगे आने की अपील की। इस सेवा कार्य में कमलेश मिश्रा, कौशल दास ,आशीष झा समेत कई लोग शामिल हैं।

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