दरभंगा। सांसद कीर्ति आजाद ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब मधुबनी शेल्टर होम की सीबीआई जांच के बाद दरभंगा से नागरिक उड़ान और एम्स का झूठा श्रेय लेने वालों सफेदपोश नेताओं की नींद उड़ गई है। जनता को निष्पक्ष जांच के परिणाम की प्रतीक्षा है। निष्पक्ष जांच के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन मिथिला का कलंक है और कौन स्वाभिमान का प्रतीक है। कटहलबाड़ी स्थित आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सांसद आजाद ने साफ कहा कि दोनार ओवरब्रिज के लिए जमीन नहीं देने वाली बिहार सरकार हवाई अड्डा के लिए 30 एकड़ जमीन कब देगी किसी को पता नहीं है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह के साथ ही मधुबनी बालिका गृह की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कई सफेदपोश नेताओं की नींद उड़ गई है। दरभंगा शहर में रेलवे लाइन पर रेल मंत्रालय से स्वीकृत 5 ओवर ब्रिज को राज्य सरकार ने वर्षों से लटका रखा है। उसी तरह दरभंगा हवाई अड्डे के लिए भूमि अधिग्रहण के मामले को भी राज्य सरकार लटकाने की साजिश कर रही है। इसके बावजूद भारत सरकार के विमानपत्तन प्राधिकरण ने रक्षा मंत्रालय के अधीनस्थ भूमि पर हवाई सेवा प्रारंभ करने की पहल मेरे प्रयास से किया है। इसके लिए हम लोग बिहार के सांसदों के साथ प्रधानमंत्री से भी मिले थे। इसमें राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है। इसके बावजूद कुछ लोग कांव-कांव करके नीतीश सरकार देने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनार से टिन्ही पुल तक नाला निर्माण के लिए सब कुछ हो गया। लेकिन सरकार जमीन नहीं दे पा रही है। जिसके कारण लोग जल जमाव को झेलने के लिए विवश है। सांसद ने पूछा कि जो सरकार नाला निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहित नहीं कर पा रही है वह सरकार 30 एकड़ जमीन हवाई अड्डा को कब देगी इसका पता किसी को नहीं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का 2005 से लेकर 2010 तक स्वर्णिम काल था। उनके इस दौरान किए गए विकास कार्यों के कारण मैं भी उनका सम्मान करता हूं। लेकिन, कुछ कांव-कांव टाइप के लोग अपने बयानों से मुख्यमंत्री की छवि को धक्का पहुंचा रहे हैं।उन्होंने आशा व्यक्त की है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मधुबनी बालिका गृह केंद्र की जांच के बाद दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।
