मधुबनी। लौकही प्रखंड के नरेंद्रपुर गांव के समीप निर्मली-कुनौली सड़क पर डायवर्सन ध्वस्त हो गया। बीते कई दिनों में हुई लगातार बारिश से डायवर्सन के ऊपर से घोरदह नदी का पानी बह रहा था। इससे यह डायवर्सन बुधवार को टूट गया। वर्तमान समय में नेपाल-भारत को जोड़ने वाली मुख्य सडकों में से एक इस सड़क पर आवागमन अवरूद्ध हो गया है। अब वाहनों को इस सड़क पर आने के लिए करीब 12 किलोमीटर की अधिक दूरी तय करनी पड़ रही है।
बता दें कि करीब 20 वर्षों से धोरदह नदी में पुल ध्वस्त है। यहां आवागमन डायवर्सन के सहारे ही चल रहा है। हर वर्ष यहां आवागमन चालू रखने के नाम पर लाखों रुपये खर्च होते हैं। विभागीय पदाधिकारियों के लिए यह डायवर्सन कामधेनु है। वैसे सरकार द्वारा घोरदह नदी पर पुल बनाने की स्वीकृति मिल गई है। पुल निर्माण का कार्य आरंभ भी है। लोगों को उम्मीद है कि एक दो साल तक पुल का निर्माण हो जाएगा।
धौस नदी में जल स्तर बढ़ने से लोगों में बैचेनी
बेनीपट्टी। अधवारा समूह की धौस नदी में जल स्तर बढ़ने से संभावित बाढ़ की आशंका से लोग भयभीत हैं। पिछले चार दिनों से हुई बारिश के कारण धौस नदी में जल स्तर उपर की ओर है। बारिश के बाद किसानों अपने खेतों में धान की रोपनी कर रहे हैं। ज्ञात हो कि 2019 की बाढ़ ने बेनीपट्टी प्रखंड के बररी, माधोपुर, रजवा, धनुषी, फुलवरिया, विशनपुर, नजरा, मेघवन, अग्रोपट्टी, रानीपुर, चानपुरा, हथियरवा, पाली, मकिया, छुलकाढ़ा, शाहपुर, बसैठ, करहारा, समदा, सोहरौल, बिरदीपुर, गुलरिया टोल, सोइली सहित अन्य गांवों में भारी तबाही मचाई थी। जिला परिषद सदस्या खुशबू कुमारी ने सरकार एवं प्रशासन से जल्द से जल्द बाढ़ सुरक्षा बांध की मरम्मत एवं नाव की व्यवस्था, सरकारी अस्पतालों में दवा व पशुओं के लिए चारा की व्यवस्था किए जाने का निवेदन किया है।
बसैठ बाजार सड़क पर जलजमाव से हो रही परेशानी
बेनीपट्टी। बेनीपट्टी प्रखंड के बसैठ बाजार में सड़क पर जल जमाव होने से गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। करोड़ों रुपये की लागत से बसैठ बाजार में सड़क के किनारे जल निकासी के लिए एक भाग में बने नाला अप्रासंगिक बनकर रह गया है। बारिश होने पर बाजार की सड़क नारकीय बनी रहती है। सड़क पर बने गड्ढ़े व जल जमाव से लोगों को परेशानी की सामना करना नियती बनकर रह गया है। सरकार की उदासीनता एवं जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण बसैठ बाजार में सड़क पर जल जमाव गंभीर संकट बन गई है। सड़क पर हो रहे जल जमाव से निजात दिलाने की दिशा में सार्थक पहल नहीं होने से लोगों में आक्रोश व्याप्त है। चार साल पूर्व जल निकासी के लिए बने नाला को साफ-सफाई कराए जाने के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है जो गंभीर चिता का विषय है।
