पटना । बिहार में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय के उत्तराधिकारी की तलाश शुरू हो गई है। अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव है। ऐसे में बीजेपी यहां ना सिर्फ नेतृत्वकर्ता के रूप में दमदार चेहरे की खोज में है, बल्कि एक ऐसे नेता की भी तलाश में है जो बिहार में सामाजिक समीकरणों को भी साधने की कोशिश करे। बता दें कि राय के मंत्री बनने के बाद यह तय है कि वह अब अध्यक्ष पद छोडे़ंगे। राय ने हालांकि अब तक औपचारिक रूप से अपने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं दिया है।
दरअसल, पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में इस चुनाव में बीजेपी को ना केवल करीब ढाई प्रतिशत ज्यादा मत मिले, बल्कि पार्टी का स्ट्राइक रेट भी 100 प्रतिशत रहा है। एनडीए में बीजेपी ने अपने हिस्से की सभी 17 सीटों पर जीत हासिल की। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय दूसरी बार उजियारपुर संसदीय क्षेत्र से जीत हासिल की। इस चुनाव में राय ने आरएलएसपी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को पराजित किया, जिसका पुरस्कार भी उन्हें केंद्र में पहली बार मंत्री बनाकर पार्टी ने दे दिया है।
बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी राकेश कुमार सिंह कहते हैं, ‘प्रदेश स्तर के कई ऐसे नेता हैं, जिनकी सत्ता और संगठन पर समान रूप से पकड़ है। लिहाजा, इन्हीं लोगों में से किसी एक को नित्यानंद राय का उत्तराधिकारी बनाया जा सकता है।’
दरभंगा संसदीय क्षेत्र से गोपाल जी ठाकुर पहली बार ऐतिहासिक जीत हासिल किया और मिथिला की तथाकथित राजधानी दरभंगा से पूर्व वित्त मंत्री व राजद के कद्दावर नेता अब्दुल बारी सिद्दिक़ी को लाखों वोट से पराजित किया।
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं छापने के शर्त पर कहा, कि एक पंचायत अध्यक्ष स्तर के कार्यकर्ता को पहले सांसद और फिर प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पार्टी एक नया उदाहरण प्रस्तुत करने वाली है। वैसे मोदी की सरकार और भाजपा संगठन नित्य निरंतर चौकानेवाले फैसलों के लिए जानी जाती है। इसलिए गोपाल जी ठाकुर को बिहार के शीर्ष पद की जिम्मेवारी सौंपी जा सकती है यह तय माना जा रहा है। गोपाल जी ठाकुर पूर्व में जिलाध्यक्ष व वर्तमान में बिहार प्रदेश के उपाध्यक्ष हैं। भाजपा व संघ की सांगठनिक ज्ञान व संगठन चलाने की क्षमता श्री ठाकुर में रहा है। झारखंड में पार्टी के संगठन मंत्री का दायित्व संभाल चुके और बिहार के प्रदेश मंत्री राजेंद्र सिंह को भी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व सौंप सकता है।
