दरभंगा , संवाददाता । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को दरभंगा जिले के बाढ़ प्रभावित अलीनगर प्रखंड का दौरा किया। इस दौरान उनका राष्ट्रीय जनता दल के कद्दावर नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी के घर जाकर मुलाकात करना चर्चा में है। दोनों नेताओं की इस मुलाकात के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। खासकर तब, जब मिथिलांचल में आरजेडी के दो कद्दावर नेताओं और मुस्लिम चेहरों में से एक पूर्व केंद्रीय मंत्री मो. अली अशरफ फातमी जनता दल यूनाइटेड में शामिल होने की घोषणा कर चुके हैं। हालांकि, सिद्दीकी ने इसे गैर राजनीतिक औपचारिक मुलाकात बताया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दरभंगा के अलीनगर में बाढ़ पीड़ितों से मिलकर उनका हाल जाना। उन्होंने सामुदायिक रसोई और चिकित्सा व्यवस्था का जायजा लिया। करीब 15 मिनट के अपने दौरे के क्रम में मुख्यमंत्री ने बाढ़ पीडि़तों को दी जाने वाली सुविधाओं को लेकर अधिकारियों और पीडि़तों से बातचीत की।
इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अलीनगर के आरजेडी विधायक अब्दुल बारी सिद्दीकी के घर रुपसपुर गए, जहां वे करीब 10 मिनट तक रहे। वहां से निकलने के बाद वे सीधे हेलीपैड पहुंचे और कटिहार के लिए रवाना हो गए।
इस 10 मिनट की मुलाकात ने सियासी चर्चाओं को हवा दे दी। हालांकि, अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा है कि मुख्यमंत्री से उनकी बाढ़ के हालात पर चर्चा हुई। उन्होंने इसे गैर राजनीतिक मुलाकात बताया।
दरभंगा के अलीनगर प्रखंड में मुख्यमंत्री की बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात तथा उसके बाद आरजेडी के कद्दावर नेता व विधायक अब्दुल बारी सिद्दीकी से बात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। बाढ़ के दौरान मुख्यमंत्री के हवाई सर्वे पर पिछले दिनों विपक्ष ने जमकर हमला बोला था। कहा था कि मुख्यमंत्री केवल हवाई सर्वे ही कर रहे हैं, जमीन पर कहीं नजर नहीं आते। इसके बाद मुख्यमंत्री रविवार को आरजेडी के गढ़ अलीनगर में पहुंचे।
मुख्यमंत्री के लगातार सरकार पर निशाना साधते नजर आने वाले सिद्दीकी के घर जाकर गुफ्तगू में राजनीतिक मायने तलाशे जा रहे हैं। दरअसल, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के जेल जाने के बाद पार्टी नेताओं में दरार और तकरार बढ़ती जा रही है। मिथिलांचल में आरजेडी के दो कद्दावर नेता और मुस्लिम चेहरे में से एक पूर्व केंद्रीय मंत्री मो. अली अशरफ फातमी पहले ही जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में शामिल होने की घोषणा कर चुके हैं। ऐसे में यदि सिद्दीकी पर नीतीश कुमार का जादू चल जाता है तो मिथिलांचल से आरजेडी का सफाया तय है।
