नई दिल्ली , निशान्त झा । एक बार फिर पृथक मिथिला राज्य गठन की मांग अब धीरे-धीरे जोर पकड़ने लगी है।
संसद के शीतकालीन सत्र के प्रथम दिन सोमवार को इसी कड़ी में
“भीख नहि अधिकार चाहि,हमरा मिथिला राज्य चाहि” नारों के साथ अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति द्वारा पृथक मिथिला राज्य के गठन समेत अन्य मांगों को लेकर जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया गया।
प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप कर मैथिली भाषा को प्राथमिक शिक्षा में शामिल करने की मांग को लेकर विरोध जताया। अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर झा ने कहा कि बिहार में बेरोजगारी अधिक है, इस वजह से लोग रोजगार की तलाश में पलायन कर रहे हैं। वहीं, नेपाल की ओर से भी बाढ़ आने का खतरा बना रहता है। ऐसे में नेपाल की ओर बांध बनना चाहिए जिससे बिजली का भी उत्पादन किया जा सकता है। समिति के दिल्ली के प्रवक्ता मिहिर झा ने कहा कि मिथिला राज्य के साथ यहां पर एम्स, एयरपोर्ट, आइआइटी समेत अन्य सुविधाएं भी होनी चाहिए।
वहीं, अंतर्राष्ट्रीय संयोजक प्रो. अमरेन्द्र कुमार झा ने कहा कि मिथिला के मान-सम्मान, सभ्यता-संस्कृति-भाषायी संरक्षण-संवर्द्धन और सर्वांगीण विकास के लिए पृथक मिथिला राज्य बनना जरूरी है।
आंदोलनकारियों के शिष्टमंडल ने मागों को लेकर राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौपा। धरना प्रदर्शन में ललित झा, सरोज मोहन झा, जिंतेंद्र पाठक , नवीन चौधरी ,धीरज झा ,अनीश झा समेत अन्य लोग उपस्थित थे।
