नई दिल्ली । अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति ने मंगलवार को दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया। धरना की अध्यक्षता पूर्व मंत्री डॉक्टर शमायले नबी ने की जबकि संचालन की बागडोर इंजीनियर शिशिर कुमार झा ने थामी। समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि मिथिला के सामाजिक, भाषाई, सांस्कृतिक, शैक्षणिक और औद्योगिक आजादी के बिना मिथिला का विकास संभव नहीं है। इसके लिए पृथक मिथिला राज्य का गठन ही एकमात्र विकल्प है। डॉ बैजू ने दूसरे चरण के राज्य परिसीमन जागृति यात्रा की घोषणा करते हुए कहा कि यह यात्रा 21 दिसंबर से 24 दिसंबर 2018 तक चलेगी। उन्होंने कहा कि इस यात्रा से मिथिला वासी मिथिला राज्य संघर्ष समिति से परिचित हो सकेंगे। समिति के अंतरराष्ट्रीय संयोजक अमरेंद्र कुमार झा और राष्ट्रीय प्रवक्ता इंजीनियर शिशिर कुमार झा ने सरकार से मांग की कि मैथिली को सीटेट में स्थान एवं मैथिली को इसी सत्र से सीबीएसई में लागू करने सहित मिथिलाक्षर के लिए बनी मृतप्राय आयोग को भंग कर आयोग में पंडित विनय झा और पंडित अजय नाथ झा शास्त्री को शामिल किया जाय। अन्य मांगों में मिथिला में अविलंब हवाई यात्रा चालू किया जाना, एम्स, आईटी आईटी पार्क आदि की स्थापना, बाढ़ और सूखा का स्थाई निदान और हाईकोर्ट बेंच की स्थापना शामिल है। धरना को संबोधित करने वाले प्रमुख वक्ताओं में झंझारपुर के सांसद वीरेंद्र चौधरी, विधायक सुधांशु शेखर, मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष कमलाकांत झा, आरएन झा पार्षद रंजीत कुमार, पार्षद अजीत झा आदि शामिल थे।
विनीता झा, विनोद राज झा, हीरालाल प्रधान, गायिका अंजू झा, रवींद्र मिश्र, कवि नरेश विकल, मिहिर कुमार झा सहित नगर निगम के कुल 18 निगम पार्षद की धरना मे उल्लेखनीय उपस्थिति रही। धरना प्रदर्शन के बाद धरनार्थियों ने राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को पृथक राज्य के गठन से संबंधित ज्ञापन भी सौंपा।
