दरभंगा : देशभर में कोरोना संकट को देखते हुए कई संस्थाएं गरीबों की मदद को सामने आई हैं, लेकिन दरभंगा में एक अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है। यहां राहत के नाम पर सरकार में शामिल जेडीयू और बीजेपी में खूब सियासत हो रही है। हायाघाट विधायक अमरनाथ गामी दरभंगा नगर से बीजेपी के विधायक संजय सरावगी पर राहत के नाम पर घपले का आरोप लगा रहे हैं। दरअसल, नगर विधायक संजय सरावगी अचानक तब चर्चा में आ गए जब उनकी ओर से बांटी जानेवाली राहत पैकेट तैयार करने की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर उनके ही कार्यकर्ताओं ने पोस्ट की। फोटो पोस्ट हुआ तो सवाल उठने लगे कि विधायक के घर तैयार हो रहा राहत पैकेट का अनाज सरकारी है जो गरीबो को देने के लिए जनवितरण प्रणाली की दुकानों में आता है।
राहत पैकेट की तस्वीरें जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो हायाघाट से विधायक अमरनाथ गामी ने भी विधायक संजय सरावगी पर आरोप लगाया कि राहत पैकेट तैयार हो रहा अनाज सरकारी है जो गरीबों को सरकार मुहैया कराती है। सवाल उठाते विधायक से पूछा कि वे बताएं कि आखिर यह सरकारी अनाज इनके पास आया कहां से? क्या किसी सरकारी अधिकारी ने मदद की या फिर किसी दुकान से यह अनाज विधायकजी ने खरीदी है? विधायक अमरनाथ गामी इतने पर ही नहीं रुके, पूरे मामले की शिकायत जिलाधिकारी त्यागराजन से फोन पर की और जांच की मांग की। विधायक अमरनाथ गामी ने बड़ा सवाल खड़ा करते हुए कहा कि गरीबों के अनाज को ही लूट कर निजी हित में गरीबो के बीच अपने नाम से बांट रहे हैं।
पूरा मामला सामने आने पर दरभंगा के डीएम त्यागराजन एमएस ने माना कि विधायक अमरनाथ गामी ने उन्हें फोन पर इसकी शिकायत की है। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रथमदृष्टया लग रहा है कि बाजार समिति में जो बोरा एफसीआई के द्वारा नीलाम की जाती है वह बाजार में रोटेट होता है। उसी का उपयोग किया गया है। फिर भी हम लोग विस्तार से जांच भी करा लेंगे। वास्तविक जो भी होगी वह सबके सामने रखी जाएगी। साथ ही डीएम ने कहा कि हमको अभी लिखित शिकायत नहीं मिली है उन्होंने दूरभाष पर बताया है तो उसके आधार पर जरूरी कारवाई कर रहे हैं। बहरहाल, मामले की सच्चाई क्या है यह तो पूरी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा, लेकिन आज भी जब राहत पैकेट विधायक संजय सरावगी के यहां तैयार हो रहा था तो वहां कुछ बोरे सरकारी मिले जिस पर हरियाणा और पंजाब के सरकारी मुहर दिखाई दिए। उसी सरकारी मोहर लगे बोरे में तैयार राहत पैकेट डाल बंद किया जा रहा था। अब जबकि दरभंगा डीएम ने जांच की बात कही है तो जांच रिपोर्ट आने तक तो इंतजार करना होगा।
