दरभंगा में जल संकट से जूझते जन-जन : राजीव ठाकुर

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दरभंगा । जिले में भू-जल के स्तर में काफी गिरावट आई है और जिले के कई स्थानों पर निवासी जल के भारी संकट से जूझ रहे हैं। भू-जल स्तर में भारी गिरावट के कारण बड़ी संख्या में हैंडपंप भी पानी को खींचने में विफल रहे हैं। और यह देखकर तो दिल बिल्कुल क्षुब्ध हो जाता है कि तापमान की इस बढ़ती मार से दरभंगा के जन-जन को कैसे जूझना और परेशान होना पड़ रहा है और जून के इस माह में स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है। ऐसी अवस्था में सरकारी जलापूर्ति एवं राज्य लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (PHED) और नगर निगम के माध्यम से भी जल का प्रबंधन अपर्याप्त है। अगर हमें बिहार के दरभंगा जिले को पानी की समस्या से निजात दिलानी है तो हम सब को एकजुट होना होगा और मैं आपसे आग्रह करता हूं की हमारे दरभंगा के भाइयों को इस विकट समस्या से समाधान दिलाने के लिए अपना योगदान दें रखी वह जल्द ही इस समस्या से निजात पा सके।

आइए देखते हैं कैसे पड़ रहा है दरभंगा में जल संकट- पूरी दरभंगा जिले की जल की इस गंभीर समस्या को देखकर मन परेशान हो जाता है की कैसे इस विकट गर्मी में भी वहां की आबादी को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। जिले में नलकूपों की संख्या जनसंख्या की तुलना में बहुत ही कम है। और मुझे यह भी पता लगा है कि उन नलकूपों में से अत्यधिक नलकूपों में आयरन की अधिकता है जिसके चलते उन नलकूपों के जल को प्रयोग नहीं किया जा सकता। जहां की इतनी भीषण गर्मी में हम पानी के बिना रह भी नहीं पा रहे हैं वही दरभंगा के समक्ष ऐसा संकट छाया हुआ है। कुछ सूत्रों के हवाले से मुझे यह खबर मिली है की जल की इतनी समस्या होने का कारण जलापूर्ति योजना के तहत समय पर सर्वे ना किया जाना है। दरभंगा के कुछ इलाकों में आखिरी सर्वे सन 2011 में किया गया था जिसमें एक भी मोहल्ला शामिल नहीं किया गया था। मेरा मानना है कि इसी के चलते इलाके में पेयजल संकट गहराने लगा है। इलाके के कुछ लोगों से बात करने पर यह भी पता लगा है कि कई स्टैंड पोस्ट हैंडपंपों का ऑर्डर तो आ जाता था लेकिन कभी भी वह हैंडपंप नहीं लगाई जा सके। दरभंगा का एक इलाका ऐसा भी है जहां पर स्थानीय निवासियों को पानी की समस्या से निजात पाने के लिए भटकना पड़ रहा है। इसके बारे में चापाकल के सिवा पेयजल के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है और चापाकल उसे भी जो पानी निकलता है मैं पीने लायक नहीं होता है। कुछ लोगों से बात करके तो यह भी पता लगा है कि उन्हें देर रात्रि भी दूर से पानी लेने जाना पड़ता है। हालांकि इलाके में लोग कई और समस्या से जूझ रहे हैं लेकिन इस समय जल की समस्या सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।

पानी की समस्या के निवारण के लिए मेरा प्रण- दरभंगा को पानी की इस गंभीर समस्या से निजात दिलाने के लिए हम सबको साथ मिलकर अपनी आवाज बुलंद करनी ही होगी वरना बिहार का एक बड़ा क्षेत्र आने की समस्या से यूं ही जूझता रहेगा। वहां के नगर निगम से मेरा यह सवाल है की लोगों से इतने वादे करने के बावजूद, जिनमें लोगों को घर-घर जल पहुंचाने और अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने का वे दावा करते हैं तो आज तक लोगों को उस समस्या से निजात क्यों नहीं मिली और क्यों आज भी वहां के लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं? हमेशा की तरह योजनाएं तो कई बनाई जाती है लेकिन उनका शुभारंभ ही नहीं हो पाता जिसके चलते आम जनता और सबसे ज्यादा अस्पताल में भर्ती मरीजों को बहुत समस्या होती है।
अतः हम सबको मिलकर यह प्रण लेना ही होगा कि दरभंगा में नगर निगम और अन्य कल्याण समितियों द्वारा जो जलापूर्ति के लिए प्रबंध कराने के जो संकल्प लिया जाए वह पूरे किए जा सकें। इसके चलते मैंने जिले में जलापूर्ति के लिए कई कल्याण समितियों को पत्र भी लिखा है की जिले में कई सबमर्सिबल पंप लगाए जाएं और पीने के पानी के लिए भी नलकूपों की व्यवस्था की जाए जिससे पानी की समस्या को कम किया जा सके। हम सबको इसके लिए एकजुट होने की जरूरत है और यह भी मारने की जरूरत है कि दरभंगा में पानी की समस्या हम सब देश वासियों की समस्या है और इसके लिए मैं सभी से आगे आकर आवाज उठाने का आग्रह करता हूं जिससे कि हम फिर से दरभंगा को ‘तालाबों का शहर’ बनते देख सकें।

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