दरभंगा । मिथिला लोक उत्सव के पूरे आयोजन पर जदयू विधायक अमरनाथ गामी ने सवालिया निशान लगा दिया है। न्यूज ऑफ मिथिला के संपादक निशान्त झा से दुरभाष पर हुई बातचीत में श्री गामी ने कहा है कि सरकार की मंशा के विपरीत यहां आयोजन किया जा रहा है। सरकार स्थानीय भाषा, संस्कृति, लोक कला, साहित्य व संगीत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस प्रकार का आयोजन करती है, लेकिन दरभंगा में ठीक इसका विपरीत हुआ है। इसमें स्थानीय मैथिली भाषा व साहित्य , मिथिला की लोक कला, यहां की सांस्कृतिक विरासत का ख्याल नहीं रखते हुए जनता के सामने संस्कृति के साथ मजाक पेश किया जा रहा है।
श्री गामी ने भड़कते हुए अंदाज में कहा कि आयोजन में हुए खर्च की 75 फीसदी राशि बाहरी कलाकारों पर व्यय किया गया है। जिस कलाकार पर इतनी बड़ी राशि ख़र्च की जा रही है वो न ही नामचीन कलाकार है और न ही मैथिल कलाकार है। जो मैथिल कलाकार है उसे कुछ हजार रुपए दिए जा रहे यानि की मैथिली कलाकार को 4 हज़ार तो वहीं दूसरे भाषा के कलाकार को महज़ लाखों रुपये दिए जा रहे हैं।
आयोजन के तरीकों से व्यथित विधायक ने तो यहां तक कहा कि इस कार्यक्रम का नाम बॉलीवुड महोत्सव होता तो बेहतर होता। वहीं कार्ड की छपाई से लेकर वितरण तक की प्रक्रिया पर आपत्ति जताते हुए विधायक ने कहा कि सभी जगह परंपराओं का उल्लंघन हुआ है। आयोजन के तरीके से स्पष्ट हो रहा है कि पर्यटन विभाग व जिला प्रशासन में समन्वय का अभाव रहा है।
