दरभंगा। जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर ¨सह की उपस्थिति में माउंट समर कान्वेंट स्कूल, लहेरियासराय में खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान की विधिवत शुरुआत की गई। डीएम ने कार्यक्रम में अपनी पत्नी रचना चौहान, पुत्री यशश्विनी ¨सह(7) एवं पुत्र अक्षय कीर्ति (4) के साथ सम्मिलित हुए। शिविर में अपने पुत्र एवं पुत्री को खसरा-रूबेला का टीका लगवाया।
शुरुआत दीप प्रज्वलित कर की गई। डीएम ने कहा कि 9 माह से 15 साल तक के बच्चों को यह टीका लगाया जाएगा। यह अभियान दो सप्ताह तक निजी तथा सरकारी विद्यालयों, अगले दो सप्ताह आंगनबाड़ी केंद्रों एवं आखिरी एक सप्ताह छूटे हुए बच्चों के टीकाकरण हेतु चलाया जाएगा। यह एक घातक बीमारी है। खसरा से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है। उन्हें डायरिया, निमोनिया हो सकता है एवं उनकी मृत्यु भी हो सकती है। रूबेला से बच्चों में अंधापन, बहरापन, मानसिक मंदता एवं दिल की बीमारी हो सकती है। यूनिसेफ के शशिकांत ने डीएम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने अपने बच्चों को टीका लगवाकर किसी भी भ्रम को दूर कर दिया है। इससे सभी अभिभावक अपने बच्चों को टीका लगाने हेतु प्रेरित होंगे। छात्राओं में टीकाकरण के प्रमाण पत्र वितरित :
डीएम डॉ. ¨सह ने सपरिवार आदर्श मध्य विद्यालय, लहेरियासराय में दीप प्रज्ज्वलित कर इस अभियान की शुरुआत की। उन्होंने विद्यालय की छात्राओं को खसरा-रूबेला टीकाकरण के प्रमाण पत्र भी वितरित किए। सिविल सर्जन डॉ. डीके मिश्र ने कहा कि मकर संक्रांति के शुभ दिन से इस अभियान की शुरुआत हुई है और जिस प्रकार पोलियो को जड़ से मिटाया गया है। उसी प्रकार खसरा-रूबेला को भी जड़ से मिटाने का संकल्प हम सभी लें। घातक बीमारियों से वर्तमान एवं अगली पीढ़ी को बचाएं : डीईओ
डीईओ डॉ. महेश प्रसाद ¨सह ने कहा कि यह टू इन वन टीका है, पूर्णत: सुरक्षित है एवं दो घातक बीमारियों से हमारी वर्तमान और अगली पीढ़ी को बचाएगा। गर्भवती महिलाओं को रूबेला होने से उसके बच्चे को अंधापन, बहरापन, दिव्यांगता हो सकती है। इसलिए अगली पीढ़ी को बचाने के लिए यह टीका आवश्यक है। कार्यक्रम में एसीएमओ डॉ. जयप्रकाश महतो, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आइसीडीएस अलका आम्रपाली, सर्व शिक्षा अभियान डीपीओ प्रमोद साहू, डीपीआरओ रविशंकर तिवारी, डीएमसीएच के डॉ. ओमप्रकाश मिश्र, यूनिसेफ के एसएमओ बसवराज, डीआइओ डॉ. एके झा आदि मौजूद रहे।
