मुख्यमंत्री सुक्ष्म व लघु उद्योग कलस्टर विकास योजना के अंतर्गत सामान्य सुविधा केंद्र’ की स्थापना की क़वायद तेज
- दरभंगा में मिथिला पेंटिग एडेड परिधान कलस्टर, सिलाई कलस्टर एवं बढ़ईगिरी कलस्टर योजना को मूर्तरूप देने के प्रस्ताव पर सहमति बनी.
- दरभंगा की भौगोलिक जनसांख्यिक सांस्कृतिक पारंपरिक विशेषता इस उद्यम के प्रसार में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी- डीएम.
दरभंगा :- जिला पदाधिकारी, दरभंगा डॉ. त्यागराजन एस.एम. की अध्यक्षता में आज दिनांक 06 जून 2020 को कार्यालय प्रकोष्ठ में मुख्यमंत्री सुक्ष्म व लघु उद्योग कलस्टर विकास योजना के अन्तर्गत ‘‘सामान्य सुविधा केन्द्र’’ की स्थापना हेतु जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई।
जिला स्तरीय समिति के समन्वयक सदस्य, महाप्रबंधक, जिला उद्योग, केन्द्र, दरभंगा द्वारा जिला में लघु उद्योग कलस्टर विकास योजना के अन्तर्गत सामान्य सुविधा केन्द्र के स्थापना हेतु तीन प्रोजेक्ट यथा – मिर्जापुर (पूअर होम) में मिथिला पेंटिग एडेड परिधान कलस्टर, कादिराबाद में सिलाई कलस्टर एवं सिंहवाड़ा में बढ़ईगिरी कलस्टर का प्रस्ताव रखा गया। इस प्रस्ताव का समिति के सदस्यों द्वारा सम्यक विचारोपरान्त अनुमोदित कर अग्रतर कार्रवाई हेतु राज्य स्तरीय समिति को भेजने का निर्णय लिया गया।
महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र द्वारा बताया गया कि इसके पूर्व दिनांक 18 मई 2020 को भी जिला स्तरीय समिति द्वारा चार कलस्टर का प्रस्ताव अनुमोदित कर आवश्यक कार्रवाई हेतु राज्य स्तरीय समिति को भेजा जा चुका है।
जिलाधिकारी ने कहा है कि वैश्विक महामारी के रोकथाम हेतु देशव्यापी लॉक डाउन से उत्पन्न हालात में तीब्र रोजगार सृजन हेतु यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इस तरह के विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन होने से जिला के बेरोजगार लोंगो को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार के अवसर प्राप्त होने लगेंगे. जिला पदाधिकारी, दरभंगा द्वारा इन योजनाओं को तेज़ी से क्रिर्यान्वित करने का निदेश दिया गया है।
गौरतलब है कि मिथिला पेंटिग एडेड परिधान कलस्टर योजना अन्तर्गत स्थानीय उद्यमियों की उद्यमशीलता, उत्पादित वस्तुओं की गुणवत्ता बढ़ाने तथा प्रतिस्पर्धी बाजार में अपनी सशक्त उपस्थिति स्थापित कर आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देने का उद्देश्य है।
विदित हो कि मिथिला चित्रकला कला की एक विश्व प्रसिद्ध विधा है, जिसका वैश्विक स्तर पर एक पहचान और प्रसिद्धि है। माननीय प्रधानमंत्री एवं माननीय मुख्यमंत्री, बिहार के द्वारा भी विभिन्न अवसरों पर मिथिला चित्रकृत परिधानों के प्रोमोशन पर प्रसन्नता जाहिर किया गया है।मिथिला पेंटिंग किया हुआ मास्क की लोकप्रियता बढ़ रहीं हैं. दरभंगा जिला में मिथिला चित्रकला को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।
जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबन्धक द्वारा दरभंगा नगर के मिर्ज़ापुर मोहल्ले में स्थित सृजन मिथिला नामक संस्था को मिथिला पेंटिग एडेड परिधान कलस्टर योजना अन्तर्गत चयन किये जाने का बैठक में प्रस्ताव रखा गया इसपर जिलाधिकारी द्वारा विचार करने का आश्वासन दिया गया हैं. बताया गया हैं कि यह संस्था मिथिला पेंटिग प्रशिक्षण केन्द्र-सह-पेंटिग एडेड परिधान / बुटिक निर्माण व प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करती है। यहां पर मिथिला की प्राचीन व विश्व प्रसिद्ध कला को परिधानों पर चित्रित व उकेर कर कला को उद्यम/व्यवसाय से जोड़कर लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।
जिला प्रबंधक द्वारा बताया गया कि कादिराबाद में सिलाई कलस्टर योजना अन्तर्गत बाहर से आ रहे प्रवासी सिलाई कारीगरों को इस योजना का लाभ प्राप्त होगा। वर्त्तमान वैश्विक कोरोना महामारी के कारण मास्क की बढ़ती मांग को देखते हुए एवं अन्य परिधानों के सिलाई से संबंधित स्थानीय महिला कामगारों के लिये एक बड़ा अवसर प्राप्त हुआ हैं। इस प्रक्षेत्र से जुड़े उद्यमियों/कारीगारों को तुरंत रोजगार प्राप्त हो सकेगा। साथ ही यहां राष्ट्रीय मानक स्तर का उत्पादन होने से स्थानीय बाजार में मांग की पूर्त्ति भी हो सकती है।
बताया गया कि दरभंगा जिला उत्तर बिहार तथा मिथिलांचल का प्रमुख शहर है, जो रेल यातायात एवं राष्ट्रीय राज मार्ग एन.एच. 57 से जुड़ा हुआ है। यहां हवाई यातायात की सुविधा भी शीघ्र प्राप्त होने की संभावना हैं. दरभंगा की भौगोलिक जनसांख्यिक सांस्कृतिक पारंपरिक विशेषता भी इस प्रस्तावित उद्यम के प्रसार में महत्वपूर्ण कारण सिद्व हो सकती है।
वहीं सिंहवाड़ा में बढ़ईगिरी कलस्टर योजना अन्तर्गत इस पेशे से जुड़े कारीगरों के जीवकोपार्जन हेतु इनके कौशल को वैश्विक गुणवत्ता के अनुरूप उत्पाद को स्थानीय बाजारों में पुरानी कलात्मक आर्थिक गतिविधि को पुनर्जीवित व प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जा रहा है।
कोविड पोर्टल पर 64,000 से अधिक प्रवासी कामगारों का निबंधन पूर्ण
- प्रवासी कामगारों को स्थानीय स्तर पर रोज़गार प्रदान करने की हो रहीं कार्रवाई।
दरभंगा :- कोरोना महामारी की रोकथाम हेतु देशव्यापी लॉक डाउन से प्रभावित होकर देश के विभिन्न हिस्सों से जिला में वापस लौटे प्रवासी कामगारों के हुनर की पहचान करने हेतु डाटा बेस तैयार किया जा रहा है। प्रवासी कामगारों के इस डाटा बेस को कोविड पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है।
प्राप्त सूचनानुसार दरभंगा जिला में 79422 के विरुद्ध अब तक 64,481 प्रवासी कामगारों का कोविड पोर्टल पर निबंधन पूर्ण हो गया है। इसमें प्रखंड क्वारंटाइन में ठहराये गये 56,516 , पंचायत स्तरीय क्वारंटाइन में 3612 एवं होम क्वारंटाइन में भेजे गये 4353 प्रवासी कामगार शामिल है।
सरकार द्वारा मुख्य मंत्री प्रवासी मजदूर विशेष सहायता योज़ना के तहत लॉक डाउन से प्रभावित हुए मजदूरों को एक एक हज़ार रूपये का आर्थिक मदद भी पहुंचाई जा रहीं हैं. इस सहायता राशि को प्राप्त करने से वंचित रहे छूटे हुए मजदूरों को भी मदद पहुंचाने के लिये एक नया आपदा पोर्टल बनाया गया हैं. कोबिड पोर्टल पर निबंधित मजदूरों में से सरकार के द्वारा घोषित आर्थिक मदद जिन्हे नहीं मिल सका हैं वैसे मजदूरों की डाटा इंट्री आपदा पोर्टल पर कराया जा रहा हैं. इस पोर्टल पर इंट्री हो जाने पर छूटे हुए मजदूरों के खाते में पैसे भेजे जा सकेंगे.
समीक्षा के क्रम में जिला के अलीनगर, बेनीपुर, बहेड़ी, बिरौल एवं हायाघाट प्रखंडों में प्रवासी कामगारों का आपदा पोर्टल पर डाटा इंट्री संतोषजनक नहीं पायी गयी हैं. जिलाधिकारी द्वारा इसे अत्यंत गंभीरता से लिया गया हैं और उक्त प्रखंडों के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को कोविड पोर्टल पर शत्-प्रतिशत डाटा इन्ट्री के साथ-साथ आपदा पोर्टल पर भी प्रवासी कामगारों का बैंक खाता संख्या, आईएफसी कोड एवं आधार संख्या अपलोड करने का निदेश दिया गया हैं ।
दरभंगा जिला प्रशासन द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों से दरभंगा लौटे सभी कुशल एवं अकुशल श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार प्रदान करने की कार्रवाई की जा रही है। जल-जीवन-हरियाली अभियान / मनरेगा योजना के तहत भी इन श्रमिकों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है।
जिलाधिकारी के निर्देश पर जिले में क्रियान्वित योजनाओं के भौतिक निरीक्षण का चला अभियान
दरभंगा : कोरोना महामारी से बचाव के साथ जिले में विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन भी तेज़ी से प्रारम्भ कर दिया गया हैं. सरकार की सभी निर्माण एजेंसियां अपनी अवरुद्ध ऑन गोइंग स्कीम्स को पूरा करने में जुट गयी हैं. जल संसाधन विभाग द्वारा एक तरफ जहां बाढ़ पूर्ब तैयारियों के साथ तटबंधों के कमजोर विन्दुओं को चिन्हित कर स्ट्रेंगथनिंग का कार्य युद्ध स्तर पर कराया जा रहा हैं वहीं भवन, पथ, ग्रामीण कार्य, पीएचइडी, लघु सिंचाई प्रमंडल, डीआरडीए आदि द्वारा विकास योजनाओं को पूरा करने में तेज़ी दिखाई जा रहीं हैं.
जिलाधिकारी द्वारा नियमित बैठकें कर सभी योजनाओं के प्रगति की समीक्षा की जा रहीं हैं. उन्होंने कहा हैं कि किसी भी योजना के गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जायेगा. इस हेतु वरीय प्रशासनिक पदाधिकारियों की टीम गठित की गयी हैं जो लगातार क्षेत्र भरमन कर योजनाओं का निरीक्षण करते हैं और जिलाधिकारी को जाँच रिपोर्ट सौंपते हैं.
निदेश के अलोक में आज कई पदाधिकारियों के द्वारा क्षेत्र भरमन कर योजनाओं का निरीक्षण किया गया.
इसमें जिला अल्प संख्यक कल्याण पदाधिकारी रिज़वान अहमद द्वारा सिंघवाड़ा प्रखंड के भरथी पंचायत वार्ड 4,5,6,7 में नल जल योजना, एडीएसएस रवि शंकर तिवारी द्वारा मनीगाछी प्रखंड अंतर्गत भण्डारिसोन पंचायत में नल जल योजना, पी डी आत्मा शकील अख्तर द्वारा जाले प्रखंड अंतर्गत कजीबेगरा पंचायत, मुरैठा पंचायत में नल जल योजना का निरीक्षण शामिल हैं. जाँच प्रतिवेदन के आधार पर संबंधित एजेंसी के विरुद्ध कार्रवाई होगी.
