दरभंगा ,न्यूज ऑफ मिथिला । स्थानीय सांसद कीर्ति झा आजाद ने कहा है कि रामायण सर्किट से जुड़े स्थलों के विकास के लिए न तो राज्य सरकार गंभीर दिखती है और न ही केंद्र सरकार।
उन्होंने पर्यटन मंत्री को शीघ्र राशि निर्गत करने के लिए पत्र लिखा है। कहा है कि सिर्फ राम नाम पर राजनीति करने से काम नहीं चलेगा, धरातल पर योजना अनुरूप कार्य करना आवश्यक है ताकि विद्यमान रामायण कालीन स्थलों का विकास पर्यटन के दृष्टिकोण से कराया जाए जिससे क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिल सके एवं लोगों को रोजगार मिल सके।
उन्होंने बताया कि मिथिलांचल में रामायण काल के महत्वपूर्ण स्थलों के विकास के लिए 15 वीं लोकसभा में तत्कालीन केंद्रीय पर्यटन मंत्री से वार्ता के बाद राज्य सरकार से समन्वय स्थापित कर प्रस्ताव केंद्र को भिजवाए गए थे जिसके बाद तत्कालीन जिलाधिकारी आर लक्ष्मणन के कार्यकाल में गौतम कुंड एवं अहिल्या स्थान में विकास कार्य आरंभ हुआ था। रामायण सर्किट अंतर्गत विकास की कोई नई योजना नहीं है, जिसका उललेख मौजूदा सरकार कर रही है। रामायण से जुड़े स्थलों का चरणबद्ध क्रम में विकास होना था।
सांसद आजाद ने कहा कि 16 वीं लोकसभा में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने सदन में विश्वास दिलाया था कि रामायण सर्किट में मिथिलांचल में विद्यमान स्थलों का पर्यटन के ²ष्टि से व्यापक रूप से विकास होगा परंतु सरकार गठन से आज तक इस मद में राशि नहीं दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। बार-बार राज्य सरकार को डीपीआर में संशोधन कराने के लिए कहा जा रहा है, जबकि अन्य राज्य को मांग के अनुरूप राशि दी जा रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने हमेशा मिथिलांचल से भेदभाव किया है। जब 2012 में मिथिलांचल के रामायण कालीन स्थलों के विकास के लिए केंद्र से राशि निर्गत हुई तो कार्य में देरी और उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देने के कारण योजना में रुकावट आई। आज तक राज्य सरकार सही से डीपीआर भी प्रेषित नहीं कर सकी। दरभंगा के हराही, दिग्घी, गंगासागर पोखर के सौंदर्यीकरण के लिए धन बिना प्रयोग के पड़ा है। आइटी पार्क के लिए जमीन नहीं दी गई। तारा मंडल के निर्माण के लिए सालों से प्रयारत हूं। दरभंगा में तारा मंडल स्वीकृत है। हर बजट में बिहार सरकार इस पर बात करती है पर कार्य नहीं चालू होता है। हाल ही में जिलाधिकारी द्वारा तारा मंडल पर एनओसी के लिए विभाग को निर्देशित किया था। केंद्र से हमेशा दरभंगा, मिथिलांचल के विकास के लिए वे कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लेकर आए। लेकिन, राज्य सरकार की कार्य पद्धति के कारण सब अधर में है।
