बिहार के हवाई यात्रियों के बीच दरभंगा एयरपोर्ट कम समय में ही लोकप्रिय हो गया है। यही वजह है कि दरभंगा एयरपोर्ट ने प्रति विमान औसत बुकिंग में पटना एयरपोर्ट को भी पीछे छोड़ दिया है। पटना के एक विमान में जहां औसतन 110 से 125 यात्रियों की आवाजाही हो रही है। वहीं दरभंगा में यह औसत 150 के आसपास है। उत्तर बिहार के लोग पटना के बजाय दरभंगा से ही हवाई यात्रा करना पसंद कर रहे हैं। अभी दरभंगा से 10 जोड़ी विमानों की आवाजाही है। किसी-किसी दिन 12 विमानों की भी आवाजाही होती है। यह हाल तब है जब दरभंगा से मात्र दो विमानन कंपनियों स्पाइस जेट और इंडिगो ने सेवाएं दी हैं। अभी अहमदाबाद, बेंगलुरु, हैदराबाद, दिल्ली, मुंबई, और कोलकाता के लिए दरभंगा के लिये उड़ानें उपलब्ध हैं। इन प्रमुख शहरों से सीधी कनेक्टिविटी की वजह से इस शहरों से आने जाने वाले उत्तर बिहार के यात्री पटना नहीं आ रहे हैं, जिसका सीधा असर पटना में विमानों की बुकिंग पर पड़ा है। पटना की बजाय उत्तर बिहार के लोगों को दरभंगा से आने-जाने में समय और पैसा दोनों बच रहा है।
ताजा आंकड़ों पर नजर डालें तो एक सितंबर को दरभंगा आने-जाने वाले 10 विमानों में जहां 1440 यात्रियों ने टिकटों की बुकिंग कराई, वहीं पटना एयरपोर्ट पर 66 विमानों में 8755 यात्री आये गये। औसत बुकिंग के हिसाब से पटना से दरभंगा के विमानों में लगभग हर दिन ज्यादा बुकिंग हो रही है।
दरभंगा एयरपोर्ट ने सूबे के छोटे शहरों में एयरपोर्ट के विकास की संभावनाओं को प्रबल किया है। नागर विमानन मंत्रालय भी दरभंगा एयरपोर्ट की लोकप्रियता से उत्साहित हैं तथा राज्य में अन्य एयरपोर्ट के विकास की दिशा में पहल की है। नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर पूर्णिया हवाई अड्डे के लिये 50 एकड़, रक्सौल में 121 एकड़, मुजफ्फरपुर हवाई अड्डे के लिए 475 एकड़ और दरभंगा में सीएटी अप्रोच लाइट सिस्टम के साथ नए सिविल एन्क्लेव के निर्माण के लिए 78 एकड़ भूमि की आवश्यकता जताई है। साथ ही पटना हवाई अड्डे पर रनवे विस्तार, समानांतर टैक्सी पथ समेत दूसरे जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 49.5 एकड़ की मांग की गई है। आने वाले दिनों में गोपालगंज के सबेया एयरपोर्ट और सारण में भी नए हवाई अड्डे की चर्चा तेज हुई है।
दरभंगा एयरपोर्ट सहित राज्य के छोटे शहरों में एयरपोर्ट विकसित करने की योजना से पटना एयरपोर्ट को भी लाभ मिलेगा। पटना एयरपोर्ट को 1200 करोड़ से अधिक खर्च कर अंतरराष्ट्रीय विमानों के अनुकूल बनाया जा रहा है। ऐसे में विदेश आने जाने वाले विमानों को स्लॉट मिलने और रनवे पर उतरने, उड़ान के साथ पार्किंग में भी आसानी होगी। नागर विमान मंत्रालय भी आने वाले दिनों में पटना से काठमांडू, पटना से दुबई और अन्य जगहों के लिए उड़ान की संभावनाओं पर विचार कर रहा है। दरभंगा में यात्रियों के शिफ्ट होने से पटना एयरपोर्ट जाने में यात्रियों की कतार भी पहले की अपेक्षा छोटी हुई है। साथ ही पहले की तरह भीड़भाड़ की स्थिति भी नहीं रहती है।
