तो इस कारण सरावगी को वाड्रा कहते हैं..?

0

न्यूज ऑफ मिथिला डेस्क । विगत 15 वर्षों से दरभंगा शहर के विधायक हैं श्री संजय सरावगी. बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी से नजदीकी होने की वजह से दरभंगा के बीजेपी संगठन में अपनी अलग पैठ बनाने में श्री सरावगी सफल रहे है. यही कारण है की एक जाति विशेष को संगठन के उच्च पद पे बैठने से ये हमेशा रोकते है। चूंकि ये विधायक है और पार्टी कार्यकर्ताओं को भय भी बहुत है इसलिए कोई इनके खिलाफ कोई कुछ नहीं बोलता है।

लेकिन विगत वर्षों में पार्टी के कुछ सदस्य ने मुखर होकर अपनी बात रखी है और बिहार प्रदेश में नित्यानंद राय के आने बाद से दरभंगा शहर के विधायक श्री संजय सराओगी का कुनबा थोड़ा सा कमजोर हुआ है , यही कारण है की गोपाल जी ठाकुर आज बीजेपी के बिहार प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर आसीन हो गए है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक वैसे संजय सरावगी ने ख़ुद को लेकर कोशिश की थी लेकिन उनके भाई का शराब काण्ड में फंसना उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष बनने से रोक लिया। खैर वो बात तो पुरानी हो चुकी है। पिछले कुछ समय से दरभंगा की जनता द्वारा विधायक संजय सरावगी को दरभंगा का वाड्रा कहा जाता है..!

RTI एक्टिविस्ट धैर्यकांत मिश्रा ने बताया कि जो काम रॉबर्ट वाड्रा ने किया वही काम तो संजय सरावगी ने भी किया। यही वजह है कि दरभंगा का अधिकांश युवा वर्ग के लोग सोशल साइट्स पर श्री संजय सरावगी को वाड्रा बुलाते हैं। एक मैथिली वेब चैनल के पत्रकार ने जब संजय सरावगी से इस बाबत जानना चाहा तो उन्होंने इसे विपक्षी व ओछी राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि बिहार में वाड्रा तो लालू यादव है व उसका खानदान।

युवा सोशल एक्टिविस्ट धैर्यकांत मिश्रा के RTI कागज़ात के अनुसार :-

The Companies in which the MLA’s Relatives (defined under Section (2) of Companies Act ,2016) involved .

बात पहले Thakurram Ganga Prasad Private Limited की
इस कंपनी में दो तीन बातें अजीब हुयी है :

रजिस्ट्रार के अनुसार इस कंपनी की रजिस्ट्री 10-Feb-1950 में हुयी थी , यानी ये कंपनी 67 साल पुरानी है । ये कंपनी सोई हुई थी लेकिन अचानक से ये कंपनी जागती है 2015 के अंत में ।
दिसंबर 2015 से लेके मार्च 2016 के बीच में इस कंपनी में संजय सराओगी के दोनों भाइयों , उनकी वाइफ और एक भतीजी को डायरेक्टर बनाया जाता है ।
कंपनी में तीन और डायरेक्टर है – सुशीला देवी ( पश्चिम चम्पारण ) , अजय कुमार प्रसाद ( मधुबनी ) और ऋषि राज शाह ( पश्चिम चम्पारण ) ।
इस कंपनी का रजिस्टर्ड एड्रेस है – DARBHANGA DARBHANGA BR 846001 IN , जो की एक और कंपनी का रजिस्टर्ड एड्रेस है जिसका नाम है – MAHALAXMI AGRO OIL MILLS PRIVATE LIMITED.
Thakurram Ganga Prasad Private Limited में दो डायरेक्टर है जो की कमाल की बात है MAHALAXMI AGRO OIL MILLS PRIVATE LIMITED के भी डायरेक्टर है ,और वो दोनों विधायक के भाई है।

MAHALAXMI AGRO OIL MILLS PRIVATE LIMITED के सामने 22 कट्ठा का एक बहुत बड़ा प्लाट है जो की कथित रूप से विधायक साहब ने खरीदा है , और वो जमीन जिस कंपनी के नाम पे खरीदी गयी है – उसका नाम है – Thakurram Ganga Prasad Private Limited .
चूंकि दोनों कंपनी में विधायक साहब के भाई कॉमन डायरेक्टर्स है । इसलिए ठाकुरराम गंगा प्रसाद प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पर वो दोनों मालिकाना हक़ रखते है। यही वज़ह है की 2017 के जनवरी महीने में मिर्ज़ापुर स्थित एक्सिस बैंक की शाखा से महालक्ष्मी एग्रो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड , ठाकुरराम गंगा प्रसाद लिमिटेड कंपनी के मालिकाने हक़ वाली जमीन को मॉर्गेज करके साढ़े सात करोड़ का लोन मॉडिफाई करवाती है , महालक्ष्मी पे एक्सिस बैंक द्वारा पहले भी लोन थे लेकिन ये जमीन गिरवी रखके कथित तौर पे अतिरिक्त लोन लिया गया है।
एक और कंपनी है जिसका नाम है अंकोटेड प्राइवेट लिमिटेड , जो है नहीं है वास्तव में और विधायक श्री सरावगी और उनकी पत्नी इन दोनों कंपनी में शेयर धारक है । विधायक जी इस कंपनी के जितने शेयर ओन करते है उसकी कीमत है – 27 लाख 54 हज़ार मात्र ।
जांच इसलिए होनी चाहिए ताकि इन कम्पनिओं के माध्यम से जो पैसा इधर से उधर होता है उसका पता लगाया जा सके। इसका एक उदहारण है नीचे :-

Sanjay Sarogi has a HUF which first borrowed loan for Rs 60,714 from Mahalakshmi Agro which is owned by his two brothers and then invest Rs 90,000 in the same Financial Year of 2009-10 .

(2010-11 में ये बंदा मात्र 276 ,000 की आमदनी दिखाता था और इसकी HUF मात्र 260,00 की आय दिखाती थी और 2014-15 आते आते ये 919,000 पे और इसका HUF 460,00 पे पहुँच जाता है , और कमाल की बात है की इनकी धर्मपत्नी की आय 20 लाख के आंकड़े को पार कर लेती है.)

2015 में इनकी संपत्ति थी 3 करोड़ 7 लाख लेकिन सबको बेवकूफ बनाने के लिए इन्होंने अपनी लायबिलिटी भी दिखा दी वो भी 76 लाख की ताकि नेट वैल्यू 2 करोड़ की आ जाये लेकिन इस खेल को आप भी समझिये। 76 लाख की जो देनदारी इन्होंने दिखाई है वो एक लोन की है जो इन्होंने अपने दोस्त से लिया है। राजनेताओं के ऐसे दोस्त होते हैं जो ऐसे अक्सर लोन देते हैं ,लेकिन ये सब बस बैलेंस शीट क्लीन दिखने के लिए किया जाता है। कमाल की बात ये भी है की इन्होंने इसी साल 31 लाख का लोन दिया भी है अपने फ्रेंड्स को , क्या कमाल कर दिया संजय जी आपने ,मल्लब गर्दिश।
वैसे 9 लाख की टैक्सेबल आय पे इतनी संपत्ति बना लेना अपने आप में एक उपलब्धि है जिसके हम सब कायल है | 3 करोड़ की संपत्ति में से इनके बैंक में – 18 लाख और LIC-23 लाख की है। कैच ये है, की इनके नाम 27 लाख 54 हज़ार मूल्य के शेयर भी है जो की किसी बड़ी लिस्टेड कंपनी के नहीं है बल्कि अंकोटेड प्राइवेट लिमिटेड नाम की कॉम्पनी के है जो की शेल कंपनी है। जमीन जायदाद की कीमत जो इनके पास है उसकी कीमत है मात्र १ करोड़ ५० लाख।

दरभंगा के युवाओं का प्रश्न है कि – विधायक जी कैसे ये सब कर लेते हैं 5 साल में ? युवा पीढ़ी के लोग अब अपनी भावनाओं को रखना शुरू कर दिया है, युवा पीढ़ी जागरूक हो गया है। दरभंगा के एक युवा ने प्रश्न किया है कि 15 -20 साल तक साइकिल चढ़ते हैं फिर जाकर एक बाइक खरीदने का सोंचते हैं , ये लोग कैसे इतना पैसा बना लेते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here