नई दिल्ली । जनक नंदिनी मां जानकी की भाषा मैथिली में शपथ लेकर दरभंगा, मधुबनी और झंझारपुर के नवनिर्वाचित लोकसभा सांसद गोपालजी ठाकुर, अशोक यादव एवं रामप्रीत पासवान ने अपनी मां के दूध का कर्ज चुकाने के साथ-साथ मिथिला व मैथिली की अस्मिता को अभूतपूर्व सम्मान देने का काम किया है। ये बातें विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने सोमवार को संस्थान परिसर में आयोजित बैठक में कहीं। मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में डॉ बैजू ने कहा कि मिथिला के पारंपरिक परिधान में संसद की दहलीज पर कदम रखने वाले मिथिला के सांसदों की तिकड़ी को विद्यापति सेवा संस्थान तहे दिल से स्वागत करता है। उन्होंने कहा कि मैथिली में शपथ लेने वाले इन सांसदों से विद्यापति सेवा संस्थान संसद की कार्यवाही में भी संवैधानिक मैथिली भाषा का ही प्रयोग करने का अनुरोध करेगा। संस्थान के सचिव प्रो जीव कांत मिश्र ने कहा कि तीनों सांसदों की ओर से मिथिला के पारंपरिक परिधान में मैथिली में शपथ लिए जाने से आम मैथिल जन में खुशी की लहर दौड़ गई है। विजयकांत झा ने सांसदों के इस कदम को मिथिला के अन्य सांसदों के लिए अनुकरणीय बताया। संस्थान के कार्यालय प्रभारी सह प्रवक्ता प्रवीण कुमार झा ने कहा कि मैथिली में शपथ लिए जाने की यह कोई पहली घटना नहीं है। लेकिन आज की इस घटना से इन सांसदों का अपनी सभ्यता, संस्कृति व भाषा के प्रति प्रेम उजागर हुआ है। अध्यक्षीय संबोधन में पं कमला कांत झा ने सांसदों के कदम की सराहना करते हुए मिथिला के अन्य सांसदों को भी इससे सीख लेने की बात कही। मौके पर प्रो. चंद्रशेखर झा बूढ़ा भाई, प्रो सी एम झा पड़वा, डॉ उदय कांत मिश्र, विनोद कुमार झा, आशीष चौधरी, महादेव साह, जय नारायण साह, श्याम कुमार राम, संतोष पासवान आदि मौजूद थे।
