न्यूज डेस्क. गुरुवार को सौराठ संस्कृत उच्च विद्यालय मैदान के समीप मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मिथिला चित्रकला संस्थान भवन का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि इस संस्थान में हर प्रदेश के लोग सर्टिफिकेट व डिग्री कोर्स कर सकते हैं। सर्टिफिकेट कोर्स छह माह व डिग्री कोर्स तीन वर्ष का होगा। रहने-खाने की व्यवस्था संस्थान की ओर से मुफ्त में होगी।
समारोह में मौजूद लोगों के जेहन में एक प्रश्न जरूर उठा.इस सरकारी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीएम नीतीश कुमार थे. सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी में जब सरकारी प्रोटोकॉल की उलंघन कर दी गयी तो लोगों की एक बार फिर जेडीयू नेता संजय झा की शक्ति का अंदाजा हो गया. ये वही संजय झा जिनसे नीतीश कुमार के रिश्तों को लेकर राजद के नेताओं ने जमकर हमला बोला था.
मधुबनी के इस कार्यक्रम में सीएम के अलावे राज्य सरकार के चार मंत्री और सत्तारूढ़ गठबंधन के कई विधायक-विधान पार्षद मौजूद थे. पूर्व मंत्री और मौजूदा MLC रामलषण राम रमण, विधानपार्षद दिलीप चौधरी और विधायक लक्ष्मेश्वर राय भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे लेकिन उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया. मंत्री कपिलदेव कामत और महेश्वर हजारी को बोलने का मौका मिला. लेकिन उनके बाद संजय झा को भाषण देने के लिए बुलाया गया.वहाँ उपस्थित लोगों ने कहा कि” सरकारी प्रोटोकॉल कहता है कि जो सीनियर नेता होते हैं वो बाद में बोलते हैं जूनियर नेता पहले.लेकिन यहाँ विपरीत हुआ। मतलब सरकारी समारोह में जदयू के राष्ट्रीय महासचिव संजय झा राज्य सरकार के मंत्रियों से भी सीनियर हो गये. जाहिर है ऐसा करने की हिमाकत मधुबनी जिला प्रशासन ने खुद तो नहीं की होगी. जब सभा में बिहार के मुखिया ख़ुद ही मौजूद हों तो उनकी सहमति से ही किसी को भी बोलने का मौका मिला होगा.
कार्यक्रम जिस विधानसभा क्षेत्र में हो रहा था वहां के विधायक राजद के फैयाज अहमद हैं. फैयाज अहमद इस कार्यक्रम में आये ही नहीं. लेकिन मंच से बार बार उनका नाम पुकारा जाता रहा. उन्हें भाषण देने के लिए आमंत्रित किया जाता रहा. इस दिखावे का मकसद क्या था ये भी लोगों की समझ से परे था.
पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कुछ समय पूर्व दिल्ली में राजद द्वारा आहूत एक कार्यक्रम में अपने तेवर भरे अंदाज़ में मंच से कहा की मुजफ्फरपुर मामले में जिस युवती को सारी बातें की जानकारी थी उसे मधुबनी बालिका गृह में भेज दिया गया। लेकिन अब वह कहां है कैसी है इसका कोई पता नहीं है। जबकि मधुबनी बालिका गृह का संचालन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीब जदयू नेता संजय झा के पीए कर रहा था। जानकारी के अनुसार संजय झा का पीए उदय झा जो की परिहार सेवा संस्थान की सचिव प्रज्ञा भारती के पति है।
संजय झा और नीतीश कुमार के रिश्तों को लेकर राजद के वरीय नेता शिवानंद तिवारी ने बेहद गंभीर आरोप लगाये थे. आरोप इतने गंभीर थे कि इसे लेकर कोर्ट में केस तक दायर किया गया है. लोग अंदाजा कर रहे थे कि परहेजी किस्म के नीतीश कुमार इन आरोपों के बाद थोड़ा परहेज करेंगे. लेकिन ऐसा हुआ नहीं.आखिर क्या ख़ासियत है कि नीतीश कुमार अपने ही मंत्रियों और वरिष्ठ विधायकों से ज़्यादा तवज्जों संजय झा को देते हैं। औऱ नीतीश कुमार परहेज़ के बदले सजंय कुमार झा से गुरेज़ करते हैं।
हालांकि लोगों ने तो यह भी कहा कि कि इसका निर्माण कब पूरा होगा. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले चित्रकला संस्थान का शिलान्यास किया गया. मधुबनी में मिथिला चित्रकला संस्थान बनाने की घोषणा नीतीश कुमार ने 2011 में ही किया था. 8 साल बाद उन्हें अपने वादे की याद आयी.
